बालका होन के समय बईय्यर कै दुख होथै, काहैकि बाको दुख को समय आए चुको है, पर जब बौ बालका कै जनम दै चुकी होथै, तौ जौ खुसी से कि जौ दुनिया मैं एक इंसान पैदा भौ है, बौ दुख कै फिर दुबारा नाय समकथै।
जैसो सास्त्र मैं लिखो है: “खुस रहे, तैं बिना बालका कि बईय्यर है! तोकै जो दर्द नाय उठथै; मोहों खोलकै जयजयकार कर, काहैकि छोड़ी भइ के बच्चा सुहागन के बच्चा से भी जाधा हैं।”
बौ अपनी पूँछ से आसमान से एक तिहाई तारन कै खींचकै पृथ्वी मैं फेंक दई, और बौ अजगर बौ औरत के सामने ठाड़गौ, कि जब बौ बालका पैदा करै तौ बौ बालका कै निगल जाबै।