ईसु उनसे कहथै, तुम बे हौ जो खुदकै दुसरे लोगन की नजर मैं सई ठहराथौ, लेकिन परमेस्वर तुमरे नफरत भरे मन कै जानथै। और चीज परमेस्वर की नजर मैं खास है, बौ चीज परमेस्वर की नजर मैं कुछ न है।
जब तक सम्पत्ति तेरे झोने रहै, का बाको अधिकार तेरो नाय रहै? और जब तू बेंचो बौ पैसा का तेरे अधिकार मैं नाय रहै? तैं जौ बात अपने मन मैं काहे सोचो? तैं आदमिन से नाय, बल्किन परमेस्वर से झूठ बोलो है!”
काहैकि हम खुद एक बार मूर्ख, आग्या ना मानन बारे और गलत रहैं। हम सब तरहन की इच्छा और सुख के गुलाम रहैं। हम जो अपनी जिंदगी, डाह और जलन ऐसी जिंदगी जीत रहैं, और दुसरे हमसे नफरत और हम उनसे नफरत करत रहैं।