ईसु फिरौंकी, गलील झील के डींड़े से उपदेस देन लगो: और हुँआँ पर इत्ती भीड़ लागी कि बौ झील मैं एक नईंयाँ के ऊपर चढ़कै बैठगौ, और पूरी भीड़ झील के डींड़े मैं ठाड़ी रइ।
जब बे डींड़े मैं उतरे, तौ बौ सहर को आदमी ईसु कै मिलो, जोके अंदर प्रेत आत्मा रहैं। और बड़ा दिन से बिन कोट, लत्ता पहने रहत रहै और घरौ ना रहत रहै, बौ कबर मैं रहे करत रहै।
बौ बच्चा आतै रहै कि इत्ते मैं प्रेत आत्मा बाकै जमीन मैं गिराय दई, और बाकै एक फिट दूर फेंक दई; ईसु प्रेत आत्मा कै निकरन की आग्या दई, और लौड़ा कै अच्छो करकै बाके दऊवा कै सौंप दई।