लेकिन पतरस दुआरे फाटक मैं ठाड़ो रहो। तौ बौ दुसरो चेला जो बड़ो पुजारी को जानो-पहचानो रहै, बौ बाहर आओ और फाटक की रखबारी करन बारी से कहकै पतरस कै भीतर लैगौ।
लोग पौलुस की बात सुनी जबले जौ बात न सुनी; फिरौंकी बे तेज अबाज मैं चिल्लान लागे, “बासे दूर रहाबौ! जाए मार देबौ! जाकै धरती से मिटाए दियौ, जौ जिंदो रहन के लायक नाय है!”