12 और जब बौ हुँआँ के गाँव से निकरो जात रहै तौ बाको भेंटा दस कोहढ़ी आदमी से भइ। बे थोड़ी दूरी मैं ठाड़े रहैं
12 और एक गाउँमे घुसत पेती कोढ रोग लागेभए दश आदमीनसे बाको भेँट भओ।
लेकिन लगान लेन बारो दूरै से ठाड़कै, स्वर्ग के घाँईं अपनी सकल भी नाय करी, बल्किन अपनी छाती पीट-पीटकै कहथै, ‘परमेस्वर मैं तौ पापी हौं मेरे ऊपर दया कर!’”
जब ईसु एक सहर मैं रहै, तौ हुँआँ कोढ़ से भरो भौ एक आदमी आओ, और बौ ईसु कै देखकै मोहों के बल गिरो, और नहोरे करी, “प्रभु अगर तैं चाहबै तौ मोकै सुद्ध कर सकथै!”