पतरस जबाब दई, “हाँ, देथै।” जब बौ घरै आओ, तौ ईसु बाके पूँछन से पहले बासे कही, “सिमौन तैं का समझथै? पृथ्वी के राजा लगान या कर कौन से बसूलथैं? अपने लौड़न से या परायन से?”
दुसरे रोज बौ दुई चाँदी के सिक्का निकारकै सराय के मालिक कै दै दई, और कही, ‘जाकी सेवा संती करिये, और जो कछु तेरो और लगैगो, बौ मैं लौटन पोती तोकै दै दुंगो।’