जहे वजह से परमेस्वर कै जानत भै बाके काबिल कोई बड़ाँईं और धन्यवाद नाय करीं, पर बे बेकार बिचार करन लागे, हिंयाँ तक कि उनको र्निबुद्धि मन अंधियारो हुई गौ।
बैसिये तुम छोटे लोगन कै अपने बड़े-बूढ़ेन के अग्गु लाने होगो। और तुम सबन कै एक दुसरे की सेवा करन के ताहीं भोलेपन के तहबंद मैं रखनो चाहिए; सास्त्र कहथै, “परमेस्वर घमंड को बिरोध करथै, लेकिन दयालुअन को पक्छ लेथै।”
जौ बजह से एकै दिन मैं बाके ऊपर आफत आए पड़ैगी, मतलब बिमारी, दुख और अकाल। और बौ आगी मैं भसम कर दई जागी, काहैकि प्रभु परमेस्वर जो बाको न्याय करथै, महान है।”