40 और जो फरीसी बाके संग रहैं, बे जे सब बात सुनकै ईसु से कही, “का हमउँ अंधरा हैं?”
40 जा बात सुनात पेती हुवाँके कोइ फरिसीनको समुह बासे कहीं, “का तए कही रहो हए, कि हम फिर अन्धरा हएं?”
बे बाकै जबाब दईं, “तैं तौ कतई पाप से पैदा भौ है, तैं हमकै का सिखाए रौ है?” और बे बाकै सभाघर से बाहर निकार दईं।
ईसु उनसे कही, “अगर तुम अंधरा होते तौ पापी नाय ठहरते पर अब तुम कहथौ, कि हम देखथैं, इसलै तुमरो पाप बनो रहथै।”
तुम कहथौ, ‘मैं सेठ हौं; मेरे झोने बौ सब है जो मोए चाहिए।’ लेकिन तुम नाय जानथौ कि तुम कित्ते दुखी और अभागे हौ! तुम गरीब, नंगे और अंधरा हौ।