हम बिस्वास और एक साफ मन के संग कह सकथैं कि हम अपने सबै ब्यवहारन मैं परमेस्वर को वरदान पवित्रता और इमानदारी के गभा रहैं। हम परमेस्वर के अनुग्रह और किरपा पर निर्भर हैं, अपने सरीर के ग्यान मैं ना। जहे बहे है कि हम खुदकै दुनिया के सामने, और खासकर कै तुमरे घाँईं करे हैं।