“तभई जब तुम कोई दीन दुखी कै दान देथौ तौ बाको ढिंढोरा मत पीटौ जैसो कि यहूदि सभाघर मैं और गलियन मैं कपटी लोग औरन से बड़ाँईं पान के ताहीं करथैं। मैं तुमसे सच कहथौं उन्हैं तौ बाको पूरो फल पहलिये ही दौ चुको है।
ईसु उनसे कहथै, तुम बे हौ जो खुदकै दुसरे लोगन की नजर मैं सई ठहराथौ, लेकिन परमेस्वर तुमरे नफरत भरे मन कै जानथै। और चीज परमेस्वर की नजर मैं खास है, बौ चीज परमेस्वर की नजर मैं कुछ न है।
बल्किन, सच्चो यहूदि बहे है जो भीतर से यहूदि है, बौ जोके दिल को खतना भौ है, और जौ परमेस्वर की आत्मा को काम है, लिखित नियम को नाय। ऐसो आदमी परमेस्वर से खुसी हासिल करथै, इंसान से नाय।
इसलै तुमकै सई समय आन से पहले कोई के ऊपर फैसला लागू ना करनो चाहिए। आखरी फैसला प्रभु के आन तक असियानो चाहिए; बौ अंधियारे रहस्यन कै उजिते मैं लागो और लोगन के मन के छिपे उद्देस्यन कै उजागर करैगो। और तौ सब परमेस्वर से बे बड़ाँईं पांगे जिनके बे हकदार हैं।
जाके अलावा तुमरो लुको भौ और गुप्त इंसानियत, भोलोपन और मन की सांत आत्मा की दीनता की अविनासी सजावट से समरो रहबै, काहैकि परमेस्वर की नजर मैं जाको मोल बड़ो है।