14 काहैकि सब नियम जौ एक बात मैं पूरी हुई जाथै, तैं अपने परोसी से अपने हानी प्यार रख।
14 काहेकी सब नियम कानुनको निष्कर्ष एक बचनमे पुरो भओ हए, “तए अपनो परोसीसे अपनए कता प्रेम करिए।”
“तभई जैसो व्यवहार तुम अपने ताहीं दुसरेन से चाहथौ बैसो ही व्यवहार तू दुसरन से करौ; जौ मूसा की नियम विधि और भविस्यवक्ता को जहे सार है।”
तुम एक दुसरे को बोझ उठाबौ, और ऐसे करकै मसीह के नियम कै पूरो करौ।
मैं तुमकै एक नई आग्या देथौं कि एक दुसरे से प्यार रखौ; जैसो मैं तुमसे प्यार रखो हौं, बैसिये तुम्हऊँ एक दुसरे से प्यार रखौ।
और दुसरी आग्या जौ है, ‘कि तू अपने पड़ोसी से अपने हानी प्यार रखिये।’ जासे बड़ी और कोई आग्या नाय है।”
जौ हुकम को लक्छ है, एक सुद्ध मन और अच्छो विवेक, और बिना कपट के बिस्वास के प्रेम कै जगाने है।
और परमेस्वर से पूरे मन, और पूरी बुद्धि, और पूरी ज्यान से, और पूरी ताकत से प्यार रखनो; और पड़ोसी से अपने हानी प्यार रखनो, सारे पसु बलियन और सबै बलिदान से बढ़कै है।”
मोकै अचम्मो होथै! कि जो तुमकै मसीह के अनुग्रह मैं बुलबाई बासे तुम इत्ती जल्दी लौटकै औरौ दुसरे तरहान के सुसमाचार के घाँईं झुकन लागे।