21 “कि जौ मत छुइये, बाकै मत चखियो, और बाकै हात मत लगईये?”
21 काहे तुम अइसे कहात हओ, कि “अइसे चीजके अपनो हातमे मत् पकणियओ,” या “अइसो खानु मत् खैयओ,” और “अइसो चीजके हात फिर मत् लगैयओ?”
जहे ताहीं प्रभु कहथै, “उनके बीच से निकरौ और अलग्याँओं रहबौ; और असुद्ध चीजन कै मत छूबौ, तौ मैं तुमकै अपनांगो;
जबकी तुम मसीह के संग दुनिया के मूल तत्व से मर गै हौ, तौ फिर काहेकै उनके हानी जौ दुनिया मैं जिंदगी बिताथौ, ऐसी बिधियन के बस मैं काहे रहथौ?
काहैकि जे सब चीज काम मैं लाते-लाते खतम ही जामंगी, काहैकि जे सब आदमियन की आग्या और सिक्छा के हानी है।
जो बिहा करन से रोकंगे, और खाने कि चीज मैं खान के ताहीं परेज करन ताहीं कहंगे; जिनकै परमेस्वर जौ ताहीं सिरजाई कि विस्वासी और सच्चाई कै जानन बारे उनकै धन्यवाद दैकै खामैं।