प्रेरित 28:4 - परमेस्वर को सच्चो वचन4 जब हुँआँ के परदेसी साँप कै बाके हात मैं लिपटो भौ देखी तौ आपस मैं कहीं, “सच्ची मैं जौ आदमी खूनी है, लेकिन जाको भाग्य जाकै जिंदो रहेन नाय देगो, भले बौ समुंदर के जोखिम से बच निकरो है।” 參見章節राना थारु नयाँ नियम4 पावलके हातमे अइसे साँप लिप्टो देखके हुवाँके आदमी एक-दुस्रेसे अइसे बात करनलागे, “पक्का फिर जा आदमी ज्यानमारा होबैगो। समुन्दरसे बच्के आओ तहुँफिर हमर देबी बोके जिन्दा रहानके नाए दइ।” 參見章節 |