“तुम चहाचीते रहबौ! अपने आपकै भौत जाधा दावत और पीन के सामान संग और जौ दुनिया की बात कै मन मैं चिंता के संग कब्जा मत करन दियौ, या बौ दिन अनकाचीति तुमकै पकड़ लेबै।
अपनी सोच मैं इत्ती आसानी से भ्रमित मन हुइयो या जौ दाबा से परेसान होनो कि प्रभु को दिन आए गौ है। सायद जौ सोचो जाबै कि हम भविस्यवाँड़ी या आत्मा मैं उपदेस देन पोती जौ कहे रहैं, या कि हम जाकै एक चिट्ठी मैं लिखे रहैं।
लेकिन प्रभु बौ दिन चुट्टा के तराहनी आगो। बौ दिन स्वर्ग एक गरजन से गायब हुई जागो, और तत्व भौतै गरम हुईकै किम्हल जांगे, स्वर्गिय सरीर खतम हुई जागी, और सब कछु धरती के संग मैं गायब हुई जांगी।
“सुनौ! मैं चुट्टा के तराहनी आए रहो हौं! धन्य है बौ जो जगत रहथै, और अपने लत्तन की रखबारी करथै, ताकी बौ नंगो नाय चलै और सब लोगन के सामने बाकी बेजती ना होबै!”
तभई याद रखौ, कि तुम्हैं का सिखाओ गौ रहै और तुम का सुनें रहौ; बाको पालन करौ और अपने पापन से मन फिराबौ। और अगर तुम ना जगैगे, तौ मैं चुट्टा के तराहनी तुमरे झोने आंगो, कि मैं कोनसे समय तेरे ऊपर आए पड़ंगो।