मैं तुमरे सरीर की कमजोरी के बजह से इंसान की रीत मैं कहथौं। जैसे तुम अपने सरीर के अंग कै असुद्ध करन के ताहीं अधर्म के बजह से गुलाम बनाए दै रहौ, बैसिये अब अपने सरीर के हिस्सन कै पवित्रता के ताहीं धर्मी के दास करकै सौंप देबौ।
एक और बजह है कि हम हमेसा परमेस्वर को धन्यवाद देथैं। जब हम तुमरे ताहीं परमेस्वर को सुसमाचार लैकै आए, तौ तुम जाकै सुने और तुम जौ इंसानन को नाय, बल्किन परमेस्वर को बचन समझकै अपनाय, जो कि सच मैं जौ है। परमेस्वर तुमरे ऊपर बिस्वास करथै।