Biblia Todo Logo
آن لائن بائبل

- اشتہارات -

واعظ 8 - किताबे-मुक़द्दस

1 कौन दानिशमंद की मानिंद है? कौन बातों की सहीह तशरीह करने का इल्म रखता है? हिकमत इनसान का चेहरा रौशन और उसके मुँह का सख़्त अंदाज़ नरम कर देती है।


हुक्मरान का इख़्तियार

2 मैं कहता हूँ, बादशाह के हुक्म पर चल, क्योंकि तूने अल्लाह के सामने हलफ़ उठाया है।

3 बादशाह के हुज़ूर से दूर होने में जल्दबाज़ी न कर। किसी बुरे मामले में मुब्तला न हो जा, क्योंकि उसी की मरज़ी चलती है।

4 बादशाह के फ़रमान के पीछे उसका इख़्तियार है, इसलिए कौन उससे पूछे, “तू क्या कर रहा है?”

5 जो उसके हुक्म पर चले उसका किसी बुरे मामले से वास्ता नहीं पड़ेगा, क्योंकि दानिशमंद दिल मुनासिब वक़्त और इनसाफ़ की राह जानता है।

6 क्योंकि हर मामले के लिए मुनासिब वक़्त और इनसाफ़ की राह होती है। लेकिन मुसीबत इनसान को दबाए रखती है,

7 क्योंकि वह नहीं जानता कि मुस्तक़बिल कैसा होगा। कोई उसे यह नहीं बता सकता है।

8 कोई भी इनसान हवा को बंद रखने के क़ाबिल नहीं। इसी तरह किसी को भी अपनी मौत का दिन मुक़र्रर करने का इख़्तियार नहीं। यह उतना यक़ीनी है जितना यह कि फ़ौजियों को जंग के दौरान फ़ारिग़ नहीं किया जाता और बेदीनी बेदीन को नहीं बचाती।

9 मैंने यह सब कुछ देखा जब पूरे दिल से उन तमाम बातों पर ध्यान दिया जो सूरज तले होती हैं, जहाँ इस वक़्त एक आदमी दूसरे को नुक़सान पहुँचाने का इख़्तियार रखता है।


दुनिया में नाइनसाफ़ी

10 फिर मैंने देखा कि बेदीनों को इज़्ज़त के साथ दफ़नाया गया। यह लोग मक़दिस के पास आते-जाते थे! लेकिन जो रास्तबाज़ थे उनकी याद शहर में मिट गई। यह भी बातिल ही है।

11 मुजरिमों को जल्दी से सज़ा नहीं दी जाती, इसलिए लोगों के दिल बुरे काम करने के मनसूबों से भर जाते हैं।

12 गुनाहगार से सौ गुनाह सरज़द होते हैं, तो भी उम्ररसीदा हो जाता है। बेशक मैं यह भी जानता हूँ कि ख़ुदातरस लोगों की ख़ैर होगी, उनकी जो अल्लाह के चेहरे से डरते हैं।

13 बेदीन की ख़ैर नहीं होगी, क्योंकि वह अल्लाह का ख़ौफ़ नहीं मानता। उस की ज़िंदगी के दिन ज़्यादा नहीं बल्कि साये जैसे आरिज़ी होंगे।

14 तो भी एक और बात दुनिया में पेश आती है जो बातिल है, रास्तबाज़ों को वह सज़ा मिलती है जो बेदीनों को मिलनी चाहिए, और बेदीनों को वह अज्र मिलता है जो रास्तबाज़ों को मिलना चाहिए। यह देखकर मैं बोला, “यह भी बातिल ही है।”

15 चुनाँचे मैंने ख़ुशी की तारीफ़ की, क्योंकि सूरज तले इनसान के लिए इससे बेहतर कुछ नहीं है कि वह खाए पिए और ख़ुश रहे। फिर मेहनत-मशक़्क़त करते वक़्त ख़ुशी उतने ही दिन उसके साथ रहेगी जितने अल्लाह ने सूरज तले उसके लिए मुक़र्रर किए हैं।


जो कुछ अल्लाह करता है वह नाक़ाबिले-फ़हम है

16 मैंने अपनी पूरी ज़हनी ताक़त इस पर लगाई कि हिकमत जान लूँ और ज़मीन पर इनसान की मेहनतों का मुआयना कर लूँ, ऐसी मेहनतें कि उसे दिन-रात नींद नहीं आती।

17 तब मैंने अल्लाह का सारा काम देखकर जान लिया कि इनसान उस तमाम काम की तह तक नहीं पहुँच सकता जो सूरज तले होता है। ख़ाह वह उस की कितनी तहक़ीक़ क्यों न करे तो भी वह तह तक नहीं पहुँच सकता। हो सकता है कोई दानिशमंद दावा करे, “मुझे इसकी पूरी समझ आई है,” लेकिन ऐसा नहीं है, वह तह तक नहीं पहुँच सकता।

Copyright © 2019 Urdu Geo Version. CC-BY-ND-NC

eBible.org
ہمیں فالو کریں:



اشتہارات