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صفن یاہ 3:4 - किताबे-मुक़द्दस

4 उसके नबी गुस्ताख़ और ग़द्दार हैं। उसके इमाम मक़दिस की बेहुरमती और शरीअत से ज़्यादती करते हैं।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

4 اُس کے نبی مغروُر ہیں؛ وہ دغاباز ہیں۔ اُس کے کاہِنؔ مَقدِس کو ناپاک کرتے ہیں اَور آئین کو مروڑتے ہیں۔

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کِتابِ مُقادّس

4 اُس کے نبی لاف زن اور دغاباز ہیں۔ اُس کے کاہِنوں نے پاک کو ناپاک ٹھہرایا اور اُنہوں نے شرِیعت کو مروڑا ہے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

4 اُس کے نبی گستاخ اور غدار ہیں۔ اُس کے امام مقدِس کی بےحرمتی اور شریعت سے زیادتی کرتے ہیں۔

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صفن یاہ 3:4
33 حوالہ جات  

मुल्क के इमाम मेरी शरीअत से ज़्यादती करके उन चीज़ों की बेहुरमती करते हैं जो मुझे मुक़द्दस हैं। न वह मुक़द्दस और आम चीज़ों में इम्तियाज़ करते, न पाक और नापाक अशया का फ़रक़ सिखाते हैं। नीज़, वह मेरे सबत के दिन अपनी आँखों को बंद रखते हैं ताकि उस की बेहुरमती नज़र न आए। यों उनके दरमियान ही मेरी बेहुरमती की जाती है।


लेकिन तुम सहीह राह से हट गए हो। तुम्हारी तालीम बहुतों के लिए ठोकर का बाइस बन गई है।” रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “तुमने लावियों के साथ मेरे अहद को ख़ाक में मिला दिया है।


सज़ा के दिन आ गए हैं, हिसाब-किताब के दिन पहुँच गए हैं। इसराईल यह बात जान ले। तुम कहते हो, “यह नबी अहमक़ है, रूह का यह बंदा पागल है।” क्योंकि जितना संगीन तुम्हारा गुनाह है उतने ही ज़ोर से तुम मेरी मुख़ालफ़त करते हो।


तेरे नबियों ने तुझे झूटी और बेकार रोयाएँ पेश कीं। उन्होंने तेरा क़ुसूर तुझ पर ज़ाहिर न किया, हालाँकि उन्हें करना चाहिए था ताकि तू इस सज़ा से बच जाती। इसके बजाए उन्होंने तुझे झूट और फ़रेबदेह पैग़ामात सुनाए।


क्योंकि नबी झूटी पेशगोइयाँ सुनाते और इमाम अपनी ही मरज़ी से हुकूमत करते हैं। और मेरी क़ौम उनका यह रवैया अज़ीज़ रखती है। लेकिन मुझे बताओ, जब यह सब कुछ ख़त्म हो जाएगा तो फिर तुम क्या करोगे?


बुज़ुर्ग और असरो-रसूख़वाले इसराईल का सर हैं जबकि झूटी तालीम देनेवाले नबी उस की दुम हैं।


लेकिन हैवान को गिरिफ़्तार किया गया। उसके साथ उस झूटे नबी को भी गिरिफ़्तार किया गया जिसने हैवान की ख़ातिर मोजिज़ाना निशान दिखाए थे। इन मोजिज़ों के वसीले से उसने उनको फ़रेब दिया था जिन्हें हैवान का निशान मिल गया था और जो उसके मुजस्समे को सिजदा करते थे। दोनों को जलती हुई गंधक की शोलाख़ेज़ झील में फेंका गया।


अज़ीज़ो, हर एक रूह का यक़ीन मत करना बल्कि रूहों को परखकर मालूम करें कि वह अल्लाह से हैं या नहीं, क्योंकि मुतअद्दिद झूटे नबी दुनिया में निकले हैं।


ऐसे लोग तो झूटे रसूल हैं, धोकेबाज़ मज़दूर जिन्होंने मसीह के रसूलों का रूप धार लिया है।


झूटे नबियों से ख़बरदार रहो! गो वह भेड़ों का भेस बदलकर तुम्हारे पास आते हैं, लेकिन अंदर से वह ग़ारतगर भेड़िये होते हैं।


हक़ीक़त में यह क़ौम ऐसा फ़रेबदेह नबी चाहती है जो ख़ाली हाथ आकर उससे कहे, ‘तुम्हें कसरत की मै और शराब हासिल होगी!’


रब फ़रमाता है, “मैं उनसे निपट लूँगा जो झूटे ख़ाब सुनाकर मेरी क़ौम को अपनी धोकेबाज़ी और शेख़ी की बातों से ग़लत राह पर लाते हैं, हालाँकि मैंने उन्हें न भेजा, न कुछ कहने को कहा था। उन लोगों का इस क़ौम के लिए कोई भी फ़ायदा नहीं।” यह रब का फ़रमान है।


इसलिए मैं उनकी बीवियों को परदेसियों के हवाले कर दूँगा और उनके खेतों को ऐसे लोगों के सुपुर्द जो उन्हें निकाल देंगे। क्योंकि छोटे से लेकर बड़े तक सबके सब नाजायज़ नफ़ा के पीछे पड़े हैं, नबियों से लेकर इमामों तक सब धोकेबाज़ हैं।


एली उस वक़्त बहुत बूढ़ा हो चुका था। बेटों का तमाम इसराईल के साथ बुरा सुलूक उसके कानों तक पहुँच गया था, बल्कि यह भी कि बेटे उन औरतों से नाजायज़ ताल्लुक़ात रखते हैं जो मुलाक़ात के ख़ैमे के दरवाज़े पर ख़िदमत करती हैं।


उन्होंने उसे बाल-बरीत देवता के मंदिर से चाँदी के 70 सिक्के भी दे दिए। इन पैसों से अबीमलिक ने अपने इर्दगिर्द आवारा और बदमाश आदमियों का गुरोह जमा किया।


इमाम अवाम को मुक़द्दस और ग़ैरमुक़द्दस चीज़ों में फ़रक़ की तालीम दें। वह उन्हें नापाक और पाक चीज़ों में इम्तियाज़ करना सिखाएँ।


रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “ऐ इमामो, बेटा अपने बाप का और नौकर अपने मालिक का एहतराम करता है। लेकिन मेरा एहतराम कौन करता है, गो मैं तुम्हारा बाप हूँ? मेरा ख़ौफ़ कौन मानता है, गो मैं तुम्हारा मालिक हूँ? हक़ीक़त यह है कि तुम मेरे नाम को हक़ीर जानते हो। लेकिन तुम एतराज़ करते हो, ‘हम किस तरह तेरे नाम को हक़ीर जानते हैं?’


इमामों का फ़र्ज़ है कि वह सहीह तालीम महफ़ूज़ रखें, और लोगों को उनसे हिदायत हासिल करनी चाहिए। क्योंकि इमाम रब्बुल-अफ़वाज का पैग़ंबर है।


इसराईल का जो भी बुज़ुर्ग तुझमें रहता है वह अपनी पूरी ताक़त से ख़ून बहाने की कोशिश करता है।


यरूशलम के बुज़ुर्ग अदालत करते वक़्त रिश्वत लेते हैं। उसके इमाम तालीम देते हैं लेकिन सिर्फ़ कुछ मिलने के लिए। उसके नबी पेशगोई सुना देते हैं लेकिन सिर्फ़ पैसों के मुआवज़े में। ताहम यह लोग रब पर इनहिसार करके कहते हैं, “हम पर आफ़त आ ही नहीं सकती, क्योंकि रब हमारे दरमियान है।”


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