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زکریاہ 7:2 - किताबे-मुक़द्दस

2 उस वक़्त बैतेल शहर ने सराज़र और रजम-मलिक को उसके आदमियों समेत यरूशलम भेजा था ताकि रब से इलतमास करें।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

2 بیت ایل کے باشِندوں نے شاریضرؔ اَور رِگیمؔ ملِکؔ اَور اُن کے ساتھیوں کو یَاہوِہ سے درخواست کریں۔

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کِتابِ مُقادّس

2 اور بَیت ایل کے باشِندوں نے شراؔضر اور رجم مِلک اور اُس کے لوگوں کو بھیجا کہ خُداوند سے درخواست کریں۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

2 اُس وقت بیت ایل شہر نے سراضر اور رجم مَلِک کو اُس کے آدمیوں سمیت یروشلم بھیجا تھا تاکہ رب سے التماس کریں۔

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زکریاہ 7:2
11 حوالہ جات  

एक शहर के बाशिंदे दूसरे शहर में जाकर कहेंगे, ‘आओ, हम यरूशलम जाकर रब से इलतमास करें, रब्बुल-अफ़वाज की मरज़ी दरियाफ़्त करें। हम भी जाएंगे।’


क्या यहूदाह के बादशाह हिज़क़ियाह या यहूदाह के किसी और शख़्स ने मीकाह को सज़ाए-मौत दी? हरगिज़ नहीं, बल्कि हिज़क़ियाह ने रब का ख़ौफ़ मानकर उसका ग़ुस्सा ठंडा करने की कोशिश की। नतीजे में रब ने पछताकर वह सज़ा उन पर नाज़िल न की जिसका एलान वह कर चुका था। सुनें, अगर हम यरमियाह को सज़ाए-मौत दें तो अपने आप पर सख़्त सज़ा लाएँगे।”


तब बादशाह इलतमास करने लगा, “रब अपने ख़ुदा का ग़ुस्सा ठंडा करके मेरे लिए दुआ करें ताकि मेरा हाथ बहाल हो जाए।” मर्दे-ख़ुदा ने उस की शफ़ाअत की तो यरुबियाम का हाथ फ़ौरन बहाल हो गया।


तो मैंने सोचा, ‘फ़िलिस्ती यहाँ जिलजाल में आकर मुझ पर हमला करने को हैं, हालाँकि मैंने अभी रब से दुआ नहीं की कि वह हम पर मेहरबानी करे।’ इसलिए मैंने जुर्रत करके ख़ुद क़ुरबानियाँ पेश कीं।”


“आज ही यूसियाह बिन सफ़नियाह के घर में जा! वहाँ तेरी मुलाक़ात बाबल में जिलावतन किए हुए इसराईलियों ख़लदी, तूबियाह और यदायाह से होगी जो इस वक़्त वहाँ पहुँच चुके हैं। जो हदिये वह अपने साथ लाए हैं उन्हें क़बूल कर।


क़ीदार की तमाम भेड़-बकरियाँ तेरे हवाले की जाएँगी, और नबायोत के मेंढे तेरी ख़िदमत के लिए हाज़िर होंगे। उन्हें मेरी क़ुरबानगाह पर चढ़ाया जाएगा और मैं उन्हें पसंद करूँगा। यों मैं अपने जलाल के घर को शानो-शौकत से आरास्ता करूँगा।


ताकि वह आसमान के ख़ुदा को पसंदीदा क़ुरबानियाँ पेश करके शहनशाह और उसके बेटों की सलामती के लिए दुआ कर सकें।


लेकिन मूसा ने कहा, “ऐ रब, तू अपनी क़ौम पर अपना ग़ुस्सा क्यों उतारना चाहता है? तू ख़ुद अपनी अज़ीम क़ुदरत से उसे मिसर से निकाल लाया है।


बैतेल और अई के बाशिंदे : 223,


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