رومیوں 9:30 - किताबे-मुक़द्दस30 इससे हम क्या कहना चाहते हैं? यह कि गो ग़ैरयहूदी रास्तबाज़ी की तलाश में न थे तो भी उन्हें रास्तबाज़ी हासिल हुई, ऐसी रास्तबाज़ी जो ईमान से पैदा हुई। باب دیکھیںاُردو ہم عصر ترجُمہ30 پس ہم کیا کہیں؟ یہ کہ غَیریہُودی جو راستبازی کے طالب نہ تھے، ایمان لاکر راستبازی حاصل کر چُکے، یعنی وہ راستبازی جو ایمان کے سبب سے ہے۔ باب دیکھیںکِتابِ مُقادّس30 پس ہم کیا کہیں؟ یہ کہ غَیر قَوموں نے جو راست بازی کی تلاش نہ کرتی تِھیں راست بازی حاصِل کی یعنی وہ راست بازی جو اِیمان سے ہے۔ باب دیکھیںہولی بائبل کا اردو جیو ورژن30 اِس سے ہم کیا کہنا چاہتے ہیں؟ یہ کہ گو غیریہودی راست بازی کی تلاش میں نہ تھے توبھی اُنہیں راست بازی حاصل ہوئی، ایسی راست بازی جو ایمان سے پیدا ہوئی۔ باب دیکھیں |
यह ईमान का काम था कि नूह ने अल्लाह की सुनी जब उसने उसे आनेवाली बातों के बारे में आगाह किया, ऐसी बातों के बारे में जो अभी देखने में नहीं आई थीं। नूह ने ख़ुदा का ख़ौफ़ मानकर एक कश्ती बनाई ताकि उसका ख़ानदान बच जाए। यों उसने अपने ईमान के ज़रीए दुनिया को मुजरिम क़रार दिया और उस रास्तबाज़ी का वारिस बन गया जो ईमान से हासिल होती है।
लेकिन हम जानते हैं कि इनसान को शरीअत की पैरवी करने से रास्तबाज़ नहीं ठहराया जाता बल्कि ईसा मसीह पर ईमान लाने से। हम भी मसीह ईसा पर ईमान लाए हैं ताकि हमें रास्तबाज़ क़रार दिया जाए, शरीअत की पैरवी करने से नहीं बल्कि मसीह पर ईमान लाने से। क्योंकि शरीअत की पैरवी करने से किसी को भी रास्तबाज़ क़रार नहीं दिया जाएगा।