Biblia Todo Logo
آن لائن بائبل

- اشتہارات -




رومیوں 8:3 - किताबे-मुक़द्दस

3 मूसवी शरीअत हमारी पुरानी फ़ितरत की कमज़ोर हालत की वजह से हमें न बचा सकी। इसलिए अल्लाह ने वह कुछ किया जो शरीअत के बस में न था। उसने अपना फ़रज़ंद भेज दिया ताकि वह गुनाहगार का-सा जिस्म इख़्तियार करके हमारे गुनाहों का कफ़्फ़ारा दे। इस तरह अल्लाह ने पुरानी फ़ितरत में मौजूद गुनाह को मुजरिम ठहराया

باب دیکھیں کاپی

اُردو ہم عصر ترجُمہ

3 اِس لیٔے جو کام گُناہ آلُودہ جِسم کے سبب سے شَریعت کمزور ہوکرجو کام شَریعت نہ کر سکی، وہ خُدا نے اَپنے ہی بیٹے کو گُناہ کی قُربانی کے طور پر گُناہ آلُودہ جِسم کی صورت میں بھیج کر جِسم میں گُناہ کی سزا کا حُکم دیا۔

باب دیکھیں کاپی

کِتابِ مُقادّس

3 اِس لِئے کہ جو کام شرِیعت جِسم کے سبب سے کمزور ہو کر نہ کر سکی وہ خُدا نے کِیا یعنی اُس نے اپنے بیٹے کو گُناہ آلُودہ جِسم کی صُورت میں اور گُناہ کی قُربانی کے لِئے بھیج کر جِسم میں گُناہ کی سزا کا حُکم دِیا۔

باب دیکھیں کاپی

ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

3 موسوی شریعت ہماری پرانی فطرت کی کمزور حالت کی وجہ سے ہمیں نہ بچا سکی۔ اِس لئے اللہ نے وہ کچھ کیا جو شریعت کے بس میں نہ تھا۔ اُس نے اپنا فرزند بھیج دیا تاکہ وہ گناہ گار کا سا جسم اختیار کر کے ہمارے گناہوں کا کفارہ دے۔ اِس طرح اللہ نے پرانی فطرت میں موجود گناہ کو مجرم ٹھہرایا

باب دیکھیں کاپی




رومیوں 8:3
28 حوالہ جات  

लेकिन अब जो भी ईसा पर ईमान लाए उसे हर लिहाज़ से रास्तबाज़ क़रार दिया जाता है।


लेकिन मसीह ने हमारा फ़िद्या देकर हमें शरीअत की लानत से आज़ाद कर दिया है। यह उसने इस तरह किया कि वह हमारी ख़ातिर ख़ुद लानत बना। क्योंकि कलामे-मुक़द्दस में लिखा है, “जिसे भी दरख़्त से लटकाया गया है उस पर अल्लाह की लानत है।”


मसीह बेगुनाह था, लेकिन अल्लाह ने उसे हमारी ख़ातिर गुनाह ठहराया ताकि हमें उसमें रास्तबाज़ क़रार दिया जाए।


यों उसने एक ही क़ुरबानी से उन्हें सदा के लिए कामिल बना दिया है जिन्हें मुक़द्दस किया जा रहा है।


मसीह ख़ुद अपने बदन पर हमारे गुनाहों को सलीब पर ले गया ताकि हम गुनाहों के एतबार से मर जाएँ और यों हमारा गुनाह से ताल्लुक़ ख़त्म हो जाए। अब वह चाहता है कि हम रास्तबाज़ी की ज़िंदगी गुज़ारें। क्योंकि आपको उसी के ज़ख़मों के वसीले से शफ़ा मिली है।


क्योंकि हम जानते हैं कि हमारा पुराना इनसान मसीह के साथ मसलूब हो गया ताकि गुनाह के क़ब्ज़े में यह जिस्म नेस्त हो जाए और यों हम गुनाह के ग़ुलाम न रहें।


तो क्या इसका मतलब यह है कि शरीअत अल्लाह के वादों के ख़िलाफ़ है? हरगिज़ नहीं! अगर इनसान को ऐसी शरीअत मिली होती जो ज़िंदगी दिला सकती तो फिर सब उस की पैरवी करने से रास्तबाज़ ठहरते।


उसने अपने फ़रज़ंद को भी दरेग़ न किया बल्कि उसे हम सबके लिए दुश्मन के हवाले कर दिया। जिसने हमें अपने फ़रज़ंद को दे दिया क्या वह हमें उसके साथ सब कुछ मुफ़्त नहीं देगा?


क्योंकि शरीअत के तक़ाज़े पूरे करने से कोई भी उसके सामने रास्तबाज़ नहीं ठहर सकता, बल्कि शरीअत का काम यह है कि हमारे अंदर गुनाहगार होने का एहसास पैदा करे।


अब चूँकि यह बच्चे गोश्त-पोस्त और ख़ून के इनसान हैं इसलिए ईसा ख़ुद उनकी मानिंद बन गया और उनकी इनसानी फ़ितरत में शरीक हुआ। क्योंकि इस तरह ही वह अपनी मौत से मौत के मालिक इबलीस को तबाह कर सका,


नहीं, उसने अपने आपको इससे महरूम करके ग़ुलाम की सूरत अपनाई और इनसानों की मानिंद बन गया। शक्लो-सूरत में वह इनसान पाया गया।


लेकिन मसीह ने गुनाहों को दूर करने के लिए एक ही क़ुरबानी पेश की, एक ऐसी क़ुरबानी जिसका असर सदा के लिए रहेगा। फिर वह अल्लाह के दहने हाथ बैठ गया।


और वह ऐसा इमामे-आज़म नहीं है जो हमारी कमज़ोरियों को देखकर हमदर्दी न दिखाए बल्कि अगरचे वह बेगुनाह रहा तो भी हमारी तरह उसे हर क़िस्म की आज़माइश का सामना करना पड़ा।


इसलिए लाज़िम था कि वह हर लिहाज़ से अपने भाइयों की मानिंद बन जाए। सिर्फ़ इससे उसका यह मक़सद पूरा हो सका कि वह अल्लाह के हुज़ूर एक रहीम और वफ़ादार इमामे-आज़म बनकर लोगों के गुनाहों का कफ़्फ़ारा दे सके।


काश मेरे भाई और ख़ूनी रिश्तेदार नजात पाएँ! इसके लिए मैं ख़ुद मलऊन और मसीह से जुदा होने के लिए भी तैयार हूँ।


कलाम इनसान बनकर हमारे दरमियान रिहाइशपज़ीर हुआ और हमने उसके जलाल का मुशाहदा किया। वह फ़ज़ल और सच्चाई से मामूर था और उसका जलाल बाप के इकलौते फ़रज़ंद का-सा था।


एक बार फिर उन्होंने शफ़ायाब अंधे को बुलाया, “अल्लाह को जलाल दे, हम तो जानते हैं कि यह आदमी गुनाहगार है।”


दो डाकुओं को भी ईसा के साथ मसलूब किया गया, एक को उसके दहने हाथ और दूसरे को उसके बाएँ हाथ।


गुनाह की क़ुरबानी के तौर पर एक बकरा भी पेश करना ताकि तुम्हारा कफ़्फ़ारा दिया जाए।


मुझे मालूम है कि मेरे अंदर यानी मेरी पुरानी फ़ितरत में कोई अच्छी चीज़ नहीं बसती। अगरचे मुझमें नेक काम करने का इरादा तो मौजूद है लेकिन मैं उसे अमली जामा नहीं पहना सकता।


चुनाँचे मूसा ने पीतल का एक साँप बनाया और खंबा खड़ा करके साँप को उससे लटका दिया। और ऐसा हुआ कि जिसे भी डसा गया था वह पीतल के साँप पर नज़र करके बच गया।


ہمیں فالو کریں:

اشتہارات


اشتہارات