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رومیوں 8:28 - किताबे-मुक़द्दस

28 और हम जानते हैं कि जो अल्लाह से मुहब्बत रखते हैं उनके लिए सब कुछ मिलकर भलाई का बाइस बनता है, उनके लिए जो उसके इरादे के मुताबिक़ बुलाए गए हैं।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

28 اَور ہم جانتے ہیں کہ جو لوگ خُدا سے مَحَبّت رکھتے ہیں اَور اُس کے اِرادے کے مُطابق بُلائے گیٔے ہیں، خُدا ہر حالت میں اُن کی بھلائی چاہتاہے۔

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کِتابِ مُقادّس

28 اور ہم کو معلُوم ہے کہ سب چِیزیں مِل کر خُدا سے مُحبّت رکھنے والوں کے لِئے بھلائی پَیدا کرتی ہیں یعنی اُن کے لِئے جو خُدا کے اِرادہ کے مُوافِق بُلائے گئے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

28 اور ہم جانتے ہیں کہ جو اللہ سے محبت رکھتے ہیں اُن کے لئے سب کچھ مل کر بھلائی کا باعث بنتا ہے، اُن کے لئے جو اُس کے ارادے کے مطابق بُلائے گئے ہیں۔

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رومیوں 8:28
53 حوالہ جات  

लेकिन आपको ज़्यादा देर के लिए दुख उठाना नहीं पड़ेगा। क्योंकि हर तरह के फ़ज़ल का ख़ुदा जिसने आपको मसीह में अपने अबदी जलाल में शरीक होने के लिए बुलाया है वह ख़ुद आपको कामिलियत तक पहुँचाएगा, मज़बूत बनाएगा, तक़वियत देगा और एक ठोस बुनियाद पर खड़ा करेगा।


मुबारक है वह जो आज़माइश के वक़्त साबितक़दम रहता है, क्योंकि क़ायम रहने पर उसे ज़िंदगी का वह ताज मिलेगा जिसका वादा अल्लाह ने उनसे किया है जो उससे मुहब्बत रखते हैं।


तुमने मुझे नुक़सान पहुँचाने का इरादा किया था, लेकिन अल्लाह ने उससे भलाई पैदा की। और अब इसका मक़सद पूरा हो रहा है। बहुत-से लोग मौत से बच रहे हैं।


दानाई के बारे में पाक नविश्ते भी यही कहते हैं, “जो न किसी आँख ने देखा, न किसी कान ने सुना, और न इनसान के ज़हन में आया, उसे अल्लाह ने उनके लिए तैयार कर दिया जो उससे मुहब्बत रखते हैं।”


लेकिन जिन्हें उसने पहले से मुक़र्रर किया उन्हें उसने बुलाया भी, जिन्हें उसने बुलाया उन्हें उसने रास्तबाज़ भी ठहराया और जिन्हें उसने रास्तबाज़ ठहराया उन्हें उसने जलाल भी बख़्शा।


क्योंकि उसने हमें नजात देकर मुक़द्दस ज़िंदगी गुज़ारने के लिए बुलाया। और यह चीज़ें हमें अपनी मेहनत से नहीं मिलीं बल्कि अल्लाह के इरादे और फ़ज़ल से। यह फ़ज़ल ज़मानों की इब्तिदा से पहले हमें मसीह में दिया गया


अल्लाह पर पूरा एतमाद किया जा सकता है जिसने आपको बुलाकर अपने फ़रज़ंद हमारे ख़ुदावंद ईसा मसीह की रिफ़ाक़त में शरीक किया है।


जिनको मैं प्यार करता हूँ उनकी मैं सज़ा देकर तरबियत करता हूँ। अब संजीदा हो जा और तौबा कर।


लेकिन जो मुझसे मुहब्बत रखते और मेरे अहकाम पूरे करते हैं उन पर मैं हज़ार पुश्तों तक मेहरबानी करूँगा।


लेकिन अल्लाह ने अपने फ़ज़ल से मुझे पैदा होने से पेशतर ही चुनकर अपनी ख़िदमत करने के लिए बुलाया। और जब उसने अपनी मरज़ी से


इस बचे हुए हिस्से को मैं आग में डालकर चाँदी या सोने की तरह पाक-साफ़ करूँगा। तब वह मेरा नाम पुकारेंगे, और मैं उनकी सुनूँगा। मैं कहूँगा, ‘यह मेरी क़ौम है,’ और वह कहेंगे, ‘रब हमारा ख़ुदा है’।”


“ऐ रब, आसमान के ख़ुदा, तू कितना अज़ीम और महीब ख़ुदा है! जो तुझे प्यार और तेरे अहकाम की पैरवी करते हैं उनके साथ तू अपना अहद क़ायम रखता और उन पर मेहरबानी करता है।


क्योंकि अल्लाह ने हमें इसलिए नहीं चुना कि हम पर अपना ग़ज़ब नाज़िल करे बल्कि इसलिए कि हम अपने ख़ुदावंद ईसा मसीह के वसीले से नजात पाएँ।


रब अपने ख़ुदा से अपने पूरे दिल, अपनी पूरी जान, अपने पूरे ज़हन और अपनी पूरी ताक़त से प्यार करना।’


यही उसका अज़ली मनसूबा था जो उसने हमारे ख़ुदावंद मसीह ईसा के वसीले से तकमील तक पहुँचाया।


रब अपने ख़ुदा से अपने पूरे दिल, अपनी पूरी जान और अपनी पूरी ताक़त से प्यार करना।


मेरे अज़ीज़ भाइयो, सुनें! क्या अल्लाह ने उन्हें नहीं चुना जो दुनिया की नज़र में ग़रीब हैं ताकि वह ईमान में दौलतमंद हो जाएँ? यही लोग वह बादशाही मीरास में पाएँगे जिसका वादा अल्लाह ने उनसे किया है जो उसे प्यार करते हैं।


हम इसलिए मुहब्बत रखते हैं कि अल्लाह ने पहले हमसे मुहब्बत रखी।


रेगिस्तान में वही तुझे मन खिलाता रहा, जिससे तेरे बापदादा वाक़िफ़ न थे। इन मुश्किलात से वह तुझे आजिज़ करके आज़माता रहा ताकि आख़िरकार तू कामयाब हो जाए।


लेकिन अल्लाह की ठोस बुनियाद क़ायम रहती है और उस पर इन दो बातों की मुहर लगी है, “ख़ुदावंद ने अपने लोगों को जान लिया है” और “जो भी समझे कि मैं ख़ुदावंद का पैरोकार हूँ वह नारास्ती से बाज़ रहे।”


यही मुहब्बत है, यह नहीं कि हमने अल्लाह से मुहब्बत की बल्कि यह कि उसने हमसे मुहब्बत करके अपने फ़रज़ंद को भेज दिया ताकि वह हमारे गुनाहों को मिटाने के लिए कफ़्फ़ारा दे।


लेकिन बच्चे अभी पैदा नहीं हुए थे न उन्होंने कोई नेक या बुरा काम किया था कि माँ को अल्लाह से एक पैग़ाम मिला। इस पैग़ाम से ज़ाहिर होता है कि अल्लाह लोगों को अपने इरादे के मुताबिक़ चुन लेता है।


उनकी औलाद मुल्क को मीरास में पाएगी, और उसके नाम से मुहब्बत रखनेवाले उसमें बसे रहेंगे।


हम तो जानते हैं कि जब हमारी दुनियावी झोंपड़ी जिसमें हम रहते हैं गिराई जाएगी तो अल्लाह हमें आसमान पर एक मकान देगा, एक ऐसा अबदी घर जिसे इनसानी हाथों ने नहीं बनाया होगा।


किसने आपको उभारा? अल्लाह तो नहीं था जो आपको बुलाता है।


यह सुनकर ग़ैरयहूदी ख़ुश हुए और ख़ुदावंद के कलाम की तमजीद करने लगे। और जितने अबदी ज़िंदगी के लिए मुक़र्रर किए गए थे वह ईमान लाए।


ज़मीन लरज़ती और थरथराती है, क्योंकि रब का मनसूबा अटल है, वह मुल्के-बाबल को यों तबाह करना चाहता है कि आइंदा उसमें कोई न रहे।


शायद रब मेरी मुसीबत का लिहाज़ करके सिमई की लानतें बरकत में बदल दे।”


क्योंकि जब भी अल्लाह किसी को अपनी नेमतों से नवाज़कर बुलाता है तो उस की यह नेमतें और बुलावे कभी नहीं मिटने की।


मैं कुरिंथुस में मौजूद अल्लाह की जमात को लिख रहा हूँ, आपको जिन्हें मसीह ईसा में मुक़द्दस किया गया है, जिन्हें मुक़द्दस होने के लिए बुलाया गया है। साथ ही यह ख़त उन तमाम लोगों के नाम भी है जो हर जगह हमारे ख़ुदावंद ईसा मसीह का नाम लेते हैं जो उनका और हमारा ख़ुदावंद है।


लेकिन जो अल्लाह के बुलाए हुए हैं, ख़ाह वह यहूदी हों ख़ाह यूनानी, उनके लिए मसीह अल्लाह की क़ुदरत और अल्लाह की दानाई होता है।


मैं हैरान हूँ! आप इतनी जल्दी से उसे तर्क कर रहे हैं जिसने मसीह के फ़ज़ल से आपको बुलाया। और अब आप एक फ़रक़ क़िस्म की “ख़ुशख़बरी” के पीछे लग गए हैं।


चुनाँचे मैं जो ख़ुदावंद में क़ैदी हूँ आपको ताकीद करता हूँ कि उस ज़िंदगी के मुताबिक़ चलें जिसके लिए ख़ुदा ने आपको बुलाया है।


मैं सीधा मनज़िले-मक़सूद की तरफ़ दौड़ा हुआ जाता हूँ ताकि वह इनाम हासिल करूँ जिसके लिए अल्लाह ने मुझे मसीह ईसा में आसमान पर बुलाया है।


यही वजह है कि मसीह एक नए अहद का दरमियानी है। मक़सद यह था कि जितने लोगों को अल्लाह ने बुलाया है उन्हें अल्लाह की मौऊदा और अबदी मीरास मिले। और यह सिर्फ़ इसलिए मुमकिन हुआ है कि मसीह ने मरकर फ़िद्या दिया ताकि लोग उन गुनाहों से छुटकारा पाएँ जो उनसे उस वक़्त सरज़द हुए जब वह पहले अहद के तहत थे।


लेकिन आप अल्लाह की चुनी हुई नसल हैं, आप आसमानी बादशाह के इमाम और उस की मख़सूसो-मुक़द्दस क़ौम हैं। आप उस की मिलकियत बन गए हैं ताकि अल्लाह के क़वी कामों का एलान करें, क्योंकि वह आपको तारीकी से अपनी हैरतअंगेज़ रौशनी में लाया है।


किसी के ग़लत काम के जवाब में ग़लत काम मत करना, न किसी की गालियों के जवाब में गाली देना। इसके बजाए जवाब में ऐसे शख़्स को बरकत दें, क्योंकि अल्लाह ने आपको भी इसलिए बुलाया है कि आप उस की बरकत विरासत में पाएँ।


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