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رومیوں 7:1 - किताबे-मुक़द्दस

1 भाइयो, आप तो शरीअत से वाक़िफ़ हैं। तो क्या आप नहीं जानते कि शरीअत उस वक़्त तक इनसान पर इख़्तियार रखती है जब तक वह ज़िंदा है?

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

1 اَے بھائیو اَور بہنوں! تُم جو شَریعت سے واقف ہو، کیا اِس بات کو نہیں جانتے کہ اِنسان صِرف اُس وقت تک شَریعت کے ماتحت ہے جَب تک کہ وہ زندہ ہے؟

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کِتابِ مُقادّس

1 اَے بھائِیو! کیا تُم نہیں جانتے (مَیں اُن سے کہتا ہُوں جو شرِیعت سے واقِف ہیں) کہ جب تک آدمی جِیتا ہے اُسی وقت تک شرِیعت اُس پر اِختیار رکھتی ہے؟

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

1 بھائیو، آپ تو شریعت سے واقف ہیں۔ تو کیا آپ نہیں جانتے کہ شریعت اُس وقت تک انسان پر اختیار رکھتی ہے جب تک وہ زندہ ہے؟

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رومیوں 7:1
12 حوالہ جات  

आइंदा गुनाह आप पर हुकूमत नहीं करेगा, क्योंकि आप अपनी ज़िंदगी शरीअत के तहत नहीं गुज़ारते बल्कि अल्लाह के फ़ज़ल के तहत।


लेकिन अब हम मरकर शरीअत के बंधन से आज़ाद हो गए हैं। अब हम शरीअत की पुरानी ज़िंदगी के तहत ख़िदमत नहीं करते बल्कि रूहुल-क़ुद्स की नई ज़िंदगी के तहत।


या क्या आपको मालूम नहीं कि हम सब जिन्हें बपतिस्मा दिया गया है इससे मसीह ईसा की मौत में शामिल हो गए हैं?


भाइयो, मेरी दिली आरज़ू और मेरी अल्लाह से दुआ यह है कि इसराईलियों को नजात मिले।


क्योंकि बाप का हुक्म चराग़ और माँ की हिदायत रौशनी है, तरबियत की डाँट-डपट ज़िंदगीबख़्श राह है।


आप जो शरीअत के ताबे रहना चाहते हैं मुझे एक बात बताएँ, क्या आप वह बात नहीं सुनते जो शरीअत कहती है?


काश मेरे भाई और ख़ूनी रिश्तेदार नजात पाएँ! इसके लिए मैं ख़ुद मलऊन और मसीह से जुदा होने के लिए भी तैयार हूँ।


क्या मैं यह फ़क़त इनसानी सोच के तहत कह रहा हूँ? क्या शरीअत भी यही नहीं कहती?


भाइयो, आपके इल्म में हो कि मैंने बहुत दफ़ा आपके पास आने का इरादा किया। क्योंकि जिस तरह दीगर ग़ैरयहूदी अक़वाम में मेरी ख़िदमत से फल पैदा हुआ है उसी तरह आपमें भी फल देखना चाहता हूँ। लेकिन आज तक मुझे रोका गया है।


ऐ अज़रा, जो हिकमत आपके ख़ुदा ने आपको अता की है उसके मुताबिक़ मजिस्ट्रेट और क़ाज़ी मुक़र्रर करें जो आपकी क़ौम के उन लोगों का इनसाफ़ करें जो दरियाए-फ़ुरात के मग़रिब में रहते हैं। जितने भी आपके ख़ुदा के अहकाम जानते हैं वह इसमें शामिल हैं। और जितने इन अहकाम से वाक़िफ़ नहीं हैं उन्हें आपको तालीम देनी है।


क्योंकि मसीह में शरीअत का मक़सद पूरा हो गया, हाँ वह अंजाम तक पहुँच गई है। चुनाँचे जो भी मसीह पर ईमान रखता है वही रास्तबाज़ ठहरता है।


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