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رومیوں 5:13 - किताबे-मुक़द्दस

13 शरीअत के इनकिशाफ़ से पहले गुनाह तो दुनिया में था, लेकिन जहाँ शरीअत नहीं होती वहाँ गुनाह का हिसाब नहीं किया जाता।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

13 شَریعت کے دئیے جانے سے پہلے دُنیا میں گُناہ تو تھا لیکن جہاں شَریعت نہیں ہوتی وہاں گُناہ کا حِساب بھی نہیں ہوتا۔

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کِتابِ مُقادّس

13 کیونکہ شرِیعت کے دِئے جانے تک دُنیا میں گُناہ تو تھا مگر جہاں شرِیعت نہیں وہاں گُناہ محسُوب نہیں ہوتا۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

13 شریعت کے انکشاف سے پہلے گناہ تو دنیا میں تھا، لیکن جہاں شریعت نہیں ہوتی وہاں گناہ کا حساب نہیں کیا جاتا۔

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رومیوں 5:13
16 حوالہ جات  

शरीअत अल्लाह का ग़ज़ब ही पैदा करती है। लेकिन जहाँ कोई शरीअत नहीं वहाँ उस की ख़िलाफ़वरज़ी भी नहीं।


मौत का डंक गुनाह है और गुनाह शरीअत से तक़वियत पाता है।


जो गुनाह करता है वह शरीअत की ख़िलाफ़वरज़ी करता है। हाँ, गुनाह शरीअत की ख़िलाफ़वरज़ी ही है।


यह बात रब को बुरी लगी, और उसने उसे भी सज़ाए-मौत दी।


रब के नज़दीक एर शरीर था, इसलिए उसने उसे हलाक कर दिया।


आओ, हम अब्बू को मै पिलाएँ। जब वह नशे में धुत हो तो हम उसके साथ हमबिसतर होकर अपने लिए औलाद पैदा करें ताकि हमारी नसल क़ायम रहे।”


वह अभी सोने के लिए लेटे नहीं थे कि शहर के जवानों से लेकर बूढ़ों तक तमाम मर्दों ने लूत के घर को घेर लिया।


फिर रब ने कहा, “सदूम और अमूरा की बदी के बाइस लोगों की आहें बुलंद हो रही हैं, क्योंकि उनसे बहुत संगीन गुनाह सरज़द हो रहे हैं।


लेकिन सदूम के बाशिंदे निहायत शरीर थे, और उनके रब के ख़िलाफ़ गुनाह निहायत मकरूह थे।


यह क़ुरबानियाँ देखकर रब ख़ुश हुआ और अपने दिल में कहा, “अब से मैं कभी ज़मीन पर इनसान की वजह से लानत नहीं भेजूँगा, क्योंकि उसका दिल बचपन ही से बुराई की तरफ़ मायल है। अब से मैं कभी इस तरह तमाम जान रखनेवाली मख़लूक़ात को रूए-ज़मीन पर से नहीं मिटाऊँगा।


लेकिन दुनिया अल्लाह की नज़र में बिगड़ी हुई और ज़ुल्मो-तशद्दुद से भरी हुई थी।


हम तो जानते हैं कि हम मौत से निकलकर ज़िंदगी में दाख़िल हो गए हैं। हम यह इसलिए जानते हैं कि हम अपने भाइयों से मुहब्बत रखते हैं। जो मुहब्बत नहीं रखता वह अब तक मौत की हालत में है।


यों लूत की बेटियाँ अपने बाप से उम्मीद से हुईं।


क्योंकि शरीअत के तक़ाज़े पूरे करने से कोई भी उसके सामने रास्तबाज़ नहीं ठहर सकता, बल्कि शरीअत का काम यह है कि हमारे अंदर गुनाहगार होने का एहसास पैदा करे।


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