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رومیوں 12:7 - किताबे-मुक़द्दस

7 अगर आपकी नेमत ख़िदमत करना है तो ख़िदमत करें। अगर आपकी नेमत तालीम देना है तो तालीम दें।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

7 اگر خدمت مِلی ہو تو خدمت میں لگا رہے۔ اگر تعلیم دینے کی نِعمت مِلی ہے تو تعلیم دیتا رہے۔

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کِتابِ مُقادّس

7 اگر خِدمت مِلی ہو تو خِدمت میں لگا رہے۔ اگر کوئی مُعلِّم ہو تو تعلِیم میں مشغُول رہے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

7 اگر آپ کی نعمت خدمت کرنا ہے تو خدمت کریں۔ اگر آپ کی نعمت تعلیم دینا ہے تو تعلیم دیں۔

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رومیوں 12:7
31 حوالہ جات  

उसी ने अपनी जमात को तरह तरह के ख़ादिमों से नवाज़ा। बाज़ रसूल, बाज़ नबी, बाज़ मुबश्शिर, बाज़ चरवाहे और बाज़ उस्ताद हैं।


कि वक़्त बेवक़्त कलामे-मुक़द्दस की मुनादी करने के लिए तैयार रहें। बड़े सब्र से ईमानदारों को तालीम देकर उन्हें समझाएँ, मलामत करें और उनकी हौसलाअफ़्ज़ाई भी करें।


जो बुज़ुर्ग जमात को अच्छी तरह सँभालते हैं उन्हें दुगनी इज़्ज़त के लायक़ समझा जाए। मैं ख़ासकर उनकी बात कर रहा हूँ जो पाक कलाम सुनाने और तालीम देने में मेहनत-मशक़्क़त करते हैं।


अंताकिया की जमात में कई नबी और उस्ताद थे : बरनबास, शमौन जो काला कहलाता था, लूकियुस कुरेनी, मनाहेम जिसने बादशाह हेरोदेस अंतिपास के साथ परवरिश पाई थी और साऊल।


लाज़िम है कि ख़ुदावंद का ख़ादिम न झगड़े बल्कि हर एक से मेहरबानी का सुलूक करे। वह तालीम देने के क़ाबिल हो और सब्र से ग़लत सुलूक बरदाश्त करे।


जो कुछ आपने बहुत गवाहों की मौजूदगी में मुझसे सुना है उसे मोतबर लोगों के सुपुर्द करें। यह ऐसे लोग हों जो औरों को सिखाने के क़ाबिल हों।


अपना और तालीम का ख़ास ख़याल रखें। इनमें साबितक़दम रहें, क्योंकि ऐसा करने से आप अपने आपको और अपने सुननेवालों को बचा लेंगे।


लाज़िम है कि निगरान बेइलज़ाम हो। उस की एक ही बीवी हो। वह होशमंद, समझदार, शरीफ़, मेहमान-नवाज़ और तालीम देने के क़ाबिल हो।


और यह गवाही सुनाने के लिए मुझे मुनाद, रसूल और ग़ैरयहूदियों का उस्ताद मुक़र्रर किया ताकि उन्हें ईमान और सच्चाई का पैग़ाम सुनाऊँ। मैं झूट नहीं बोल रहा बल्कि सच कह रहा हूँ।


अरख़िप्पुस को बता देना, ख़बरदार कि आप वह ख़िदमत तकमील तक पहुँचाएँ जो आपको ख़ुदावंद में सौंपी गई है।


जिसे कलामे-मुक़द्दस की तालीम दी जाती है उसका फ़र्ज़ है कि वह अपने उस्ताद को अपनी तमाम अच्छी चीज़ों में शरीक करे।


और अल्लाह ने अपनी जमात में पहले रसूल, दूसरे नबी और तीसरे उस्ताद मुक़र्रर किए हैं। फिर उसने ऐसे लोग भी मुक़र्रर किए हैं जो मोजिज़े करते, शफ़ा देते, दूसरों की मदद करते, इंतज़ाम चलाते और मुख़्तलिफ़ क़िस्म की ग़ैरज़बानें बोलते हैं।


चुनाँचे ख़बरदार रहकर अपना और उस पूरे गल्ले का ख़याल रखना जिस पर रूहुल-क़ूदस ने आपको मुक़र्रर किया है। निगरानों और चरवाहों की हैसियत से अल्लाह की जमात की ख़िदमत करें, उस जमात की जिसे उसने अपने ही फ़रज़ंद के ख़ून से हासिल किया है।


मैंने आपके फ़ायदे की कोई भी बात आपसे छुपाए न रखी बल्कि आपको अलानिया और घर घर जाकर तालीम देता रहा।


उन दिनों में जब ईसा के शागिर्दों की तादाद बढ़ती गई तो यूनानी ज़बान बोलनेवाले ईमानदार इबरानी बोलनेवाले ईमानदारों के बारे में बुड़बुड़ाने लगे। उन्होंने कहा, “जब रोज़मर्रा का खाना तक़सीम होता है तो हमारी बेवाओं को नज़रंदाज़ किया जाता है।”


वह रात के वक़्त ईसा के पास आया और कहा, “उस्ताद, हम जानते हैं कि आप ऐसे उस्ताद हैं जो अल्लाह की तरफ़ से आए हैं, क्योंकि जो इलाही निशान आप दिखाते हैं वह सिर्फ़ ऐसा शख़्स ही दिखा सकता है जिसके साथ अल्लाह हो।”


इसलिए जाओ, तमाम क़ौमों को शागिर्द बनाकर उन्हें बाप, फ़रज़ंद और रूहुल-क़ुद्स के नाम से बपतिस्मा दो।


तब पहरेदार शेरबबर की तरह पुकार उठा, “मेरे आक़ा, रोज़ बरोज़ मैं पूरी वफ़ादारी से अपनी बुर्जी पर खड़ा रहा हूँ, और रातों मैं तैयार रहकर यहाँ पहरादारी करता आया हूँ।


दानिशमंद होने के अलावा वाइज़ क़ौम को इल्मो-इरफ़ान की तालीम देता रहा। उसने मुतअद्दिद अमसाल को सहीह वज़न देकर उनकी जाँच-पड़ताल की और उन्हें तरतीबवार जमा किया।


तब मैं उन्हें तेरी राहों की तालीम दूँगा जो तुझसे बेवफ़ा हो गए हैं, और गुनाहगार तेरे पास वापस आएँगे।


ऐ बच्चो, आओ, मेरी बातें सुनो! मैं तुम्हें रब के ख़ौफ़ की तालीम दूँगा।


जहाँ तक मेरा ताल्लुक़ है, मैं इसमें रब का गुनाह नहीं करूँगा कि आपकी सिफ़ारिश करने से बाज़ आऊँ। और आइंदा भी मैं आपको अच्छे और सहीह रास्ते की तालीम देता रहूँगा।


वह याक़ूब को तेरी हिदायात और इसराईल को तेरी शरीअत सिखाकर तेरे सामने बख़ूर और तेरी क़ुरबानगाह पर भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ चढ़ाता है।


तरह तरह की ख़िदमतें होती हैं, लेकिन ख़ुदावंद एक ही है।


भाइयो, फिर क्या होना चाहिए? जब आप जमा होते हैं तो हर एक के पास कोई गीत या तालीम या मुकाशफ़ा या ग़ैरज़बान या इसका तरजुमा हो। इन सबका मक़सद ख़ुदा की जमात की तामीरो-तरक़्क़ी हो।


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