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رومیوں 1:32 - किताबे-मुक़द्दस

32 अगरचे वह अल्लाह का फ़रमान जानते हैं कि ऐसा करनेवाले सज़ाए-मौत के मुस्तहिक़ हैं तो भी वह ऐसा करते हैं। न सिर्फ़ यह बल्कि वह ऐसा करनेवाले दीगर लोगों को शाबाश भी देते हैं।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

32 حالانکہ اُنہیں مَعلُوم ہے کہ اَیسے کام کرنے والے خُدا کے قوانین کے مُطابق موت کی سزا کے مُستحق ہیں پھر بھی نہ صِرف وہ خُود یہی کام کرتے ہیں بَلکہ اَیسا کرنے والوں کو پسند کرتے ہیں۔

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کِتابِ مُقادّس

32 حالانکہ وہ خُدا کا یہ حُکم جانتے ہیں کہ اَیسے کام کرنے والے مَوت کی سزا کے لائِق ہیں۔ پِھر بھی نہ فقط آپ ہی اَیسے کام کرتے ہیں بلکہ اَور کرنے والوں سے بھی خُوش ہوتے ہیں۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

32 اگرچہ وہ اللہ کا فرمان جانتے ہیں کہ ایسا کرنے والے سزائے موت کے مستحق ہیں توبھی وہ ایسا کرتے ہیں۔ نہ صرف یہ بلکہ وہ ایسا کرنے والے دیگر لوگوں کو شاباش بھی دیتے ہیں۔

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رومیوں 1:32
14 حوالہ جات  

अल्लाह को जानने के बावुजूद उन्होंने उसे वह जलाल न दिया जो उसका हक़ है, न उसका शुक्र अदा किया बल्कि वह बातिल ख़यालात में पड़ गए और उनके बेसमझ दिलों पर तारीकी छा गई।


और इसका नतीजा क्या था? जो कुछ आपने उस वक़्त किया उससे आपको आज शर्म आती है और उसका अंजाम मौत है।


लेकिन अल्लाह का ग़ज़ब आसमान पर से उन तमाम बेदीन और नारास्त लोगों पर नाज़िल होता है जो सच्चाई को अपनी नारास्ती से दबाए रखते हैं।


इससे तुम गवाही देते हो कि तुम वह कुछ पसंद करते हो जो तुम्हारे बापदादा ने किया। उन्होंने नबियों को क़त्ल किया जबकि तुम उनके मज़ार तामीर करते हो।


किसी चोर को देखते ही तू उसका साथ देता है, तू ज़िनाकारों से रिफ़ाक़त रखता है।


और उस वक़्त भी जब तेरे शहीद स्तिफ़नुस को क़त्ल किया जा रहा था मैं साथ खड़ा था। मैं राज़ी था और उन लोगों के कपड़ों की निगरानी कर रहा था जो उसे संगसार कर रहे थे।’


अपनी बुराई से वह बादशाह को ख़ुश रखते हैं, उनके झूट से बुज़ुर्ग लुत्फ़अंदोज़ होते हैं।


और साऊल को भी स्तिफ़नुस का क़त्ल मंज़ूर था। उस दिन यरूशलम में मौजूद जमात सख़्त ईज़ारसानी की ज़द में आ गई। इसलिए सिवाए रसूलों के तमाम ईमानदार यहूदिया और सामरिया के इलाक़ों में तित्तर-बित्तर हो गए।


जिसने शरीअत को तर्क किया वह बेदीन की तारीफ़ करता है, लेकिन जो शरीअत के ताबे रहता है वह उस की मुख़ालफ़त करता है।


क्योंकि गुनाह का अज्र मौत है जबकि अल्लाह हमारे ख़ुदावंद मसीह ईसा के वसीले से हमें अबदी ज़िंदगी की मुफ़्त नेमत अता करता है।


नतीजे में सब जो सच्चाई पर ईमान न लाए बल्कि नारास्ती से लुत्फ़अंदोज़ हुए मुजरिम ठहरेंगे।


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