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مکاشفہ 14:2 - किताबे-मुक़द्दस

2 और मैंने आसमान से एक ऐसी आवाज़ सुनी जो किसी बड़े आबशार और गरजते बादलों की ऊँची कड़क की मानिंद थी। यह उस आवाज़ की मानिंद थी जो सरोद बजानेवाले अपने साज़ों से निकालते हैं।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

2 پھر مَیں نے آسمان سے ایک اَیسی آواز سُنی جو کسی بڑے آبشار اَور گرجتے بادلوں کی مانند تھی۔ یہ اُس آواز کی مانند تھی جو بربط نواز اَپنے سازوں سے نکالتے ہیں۔

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کِتابِ مُقادّس

2 اور مُجھے آسمان پر سے ایک اَیسی آواز سُنائی دی جو زور کے پانی اور بڑی گرج کی سی آواز تھی اور جو آواز مَیں نے سُنی وہ اَیسی تھی جَیسے بربط نواز بربط بجاتے ہوں۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

2 اور مَیں نے آسمان سے ایک ایسی آواز سنی جو کسی بڑے آبشار اور گرجتے بادلوں کی اونچی کڑک کی مانند تھی۔ یہ اُس آواز کی مانند تھی جو سرود بجانے والے اپنے سازوں سے نکالتے ہیں۔

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مکاشفہ 14:2
29 حوالہ جات  

और लेते वक़्त चार जानदार और 24 बुज़ुर्ग लेले के सामने मुँह के बल गिर गए। हर एक के पास एक सरोद और बख़ूर से भरे सोने के प्याले थे। इनसे मुराद मुक़द्दसीन की दुआएँ हैं।


उसके पाँव भट्टे में दमकते पीतल की मानिंद थे और उस की आवाज़ आबशार के शोर जैसी थी।


मैंने शीशे का-सा एक समुंदर भी देखा जिसमें आग मिलाई गई थी। इस समुंदर के पास वह खड़े थे जो हैवान, उसके मुजस्समे और उसके नाम के नंबर पर ग़ालिब आ गए थे। वह अल्लाह के दिए हुए सरोद पकड़े


सातवें फ़रिश्ते ने अपने तुरम में फूँक मारी। इस पर आसमान पर से ऊँची आवाज़ें सुनाई दें जो कह रही थीं, “ज़मीन की बादशाही हमारे आक़ा और उसके मसीह की हो गई है। वही अज़ल से अबद तक हुकूमत करेगा।”


अचानक इसराईल के ख़ुदा का जलाल मशरिक़ से आता हुआ दिखाई दिया। ज़बरदस्त आबशार का-सा शोर सुनाई दिया, और ज़मीन उसके जलाल से चमक रही थी।


सरोद बजाकर रब की हम्दो-सना करो। उस की तमजीद में दस तारोंवाला साज़ बजाओ।


और दाऊद बाक़ी तमाम लोगों के साथ पीछे चल रहा था। सब रब के हुज़ूर पूरे ज़ोर से ख़ुशी मनाने और गीत गाने लगे। मुख़्तलिफ़ साज़ भी बजाए जा रहे थे। फ़िज़ा सितारों, सरोदों, दफ़ों, ख़ंजरियों और झाँझों की आवाज़ों से गूँज उठी।


तीसरे दिन सुबह पहाड़ पर घना बादल छा गया। बिजली चमकने लगी, बादल गरजने लगा और नरसिंगे की निहायत ज़ोरदार आवाज़ सुनाई दी। ख़ैमागाह में लोग लरज़ उठे।


अब से न मौसीक़ारों की आवाज़ें तुझमें कभी सुनाई देंगी, न सरोद, बाँसरी या तुरम बजानेवालों की। अब से किसी भी काम का कारीगर तुझमें पाया नहीं जाएगा। हाँ, चक्की की आवाज़ हमेशा के लिए बंद हो जाएगी।


फिर उन्होंने आसमान से एक ऊँची आवाज़ सुनी जिसने उनसे कहा, “यहाँ ऊपर आओ!” और उनके दुश्मनों के देखते देखते दोनों एक बादल में आसमान पर चले गए।


फिर मैंने देखा, लेले ने सात मुहरों में से पहली मुहर को खोला। इस पर मैंने चार जानदारों में से एक को जिसकी आवाज़ कड़कते बादलों की मानिंद थी यह कहते हुए सुना, “आ!”


रब के दिन यानी इतवार को मैं रूहुल-क़ुद्स की गिरिफ़्त में आ गया और मैंने अपने पीछे तुरम की-सी एक ऊँची आवाज़ सुनी।


लेकिन एक है जो गहरे पानी के शोर से ज़्यादा ज़ोरावर, जो समुंदर की ठाठों से ज़्यादा ताक़तवर है। रब जो बुलंदियों पर रहता है कहीं ज़्यादा अज़ीम है।


ख़ासकर जब साथ साथ दस तारोंवाला साज़, सितार और सरोद बजते हैं।


ऐ मेरी जान, जाग उठ! ऐ सितार और सरोद, जाग उठो! आओ, मैं तुलूए-सुबह को जगाऊँ।


पहले फ़रिश्ते ने अपने तुरम को बजा दिया। इस पर ओले और ख़ून के साथ मिलाई गई आग पैदा होकर ज़मीन पर बरसाई गई। इससे ज़मीन का तीसरा हिस्सा, दरख़्तों का तीसरा हिस्सा और तमाम हरी घास भस्म हो गई।


तब रब उन पर ज़ाहिर होकर बिजली की तरह अपना तीर चलाएगा। रब क़ादिरे-मुतलक़ नरसिंगा फूँककर जुनूबी आँधियों में आएगा।


क्योंकि ग़ैरक़ौमें पहाड़नुमा लहरों की तरह मुतलातिम हैं। लेकिन रब उन्हें डाँटेगा तो वह दूर दूर भाग जाएँगी। जिस तरह पहाड़ों पर भूसा हवा के झोंकों से उड़ जाता और लुढ़कबूटी आँधी में चक्कर खाने लगती है उसी तरह वह फ़रार हो जाएँगी।


वह नाचकर उसके नाम की सताइश करें, दफ़ और सरोद से उस की मद्हसराई करें।


सरोद बजाकर रब की मद्हसराई करो, सरोद और गीत से उस की सताइश करो।


जब बाक़ी तमाम लोगों ने बादल की गरज और नरसिंगे की आवाज़ सुनी और बिजली की चमक और पहाड़ से उठते हुए धुएँ को देखा तो वह ख़ौफ़ के मारे काँपने लगे और पहाड़ से दूर खड़े हो गए।


रब की तमजीद में शुक्र का गीत गाओ, हमारे ख़ुदा की ख़ुशी में सरोद बजाओ।


तब मैं अल्लाह की क़ुरबानगाह के पास आऊँगा, उस ख़ुदा के पास जो मेरी ख़ुशी और फ़रहत है। ऐ अल्लाह मेरे ख़ुदा, वहाँ मैं सरोद बजाकर तेरी सताइश करूँगा।


अगर मैं इनसानों और फ़रिश्तों की ज़बानें बोलूँ, लेकिन मुहब्बत न रखूँ तो फिर मैं बस गूँजता हुआ घड़ियाल या ठनठनाती हुई झाँझ ही हूँ।


सितार, सरोद और तुरम बजाते हुए वह यरूशलम में दाख़िल हुए और रब के घर के पास जा पहुँचे।


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