और उन्होंने दो मिदियानी सरदारों को पकड़कर उनके सर क़लम कर दिए। सरदारों के नाम ओरेब और ज़एब थे, और जहाँ उन्हें पकड़ा गया उन जगहों के नाम ‘ओरेब की चट्टान’ और ‘ज़एब का अंगूर का रस निकालनेवाला हौज़’ पड़ गया। इसके बाद वह दुबारा मिदियानियों का ताक़्क़ुब करने लगे। दरियाए-यरदन को पार करने पर उनकी मुलाक़ात जिदौन से हुई, और उन्होंने दोनों सरदारों के सर उसके सुपुर्द कर दिए।
