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زبور 69:21 - किताबे-मुक़द्दस

21 उन्होंने मेरी ख़ुराक में कड़वा ज़हर मिलाया, मुझे सिरका पिलाया जब प्यासा था।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

21 اُنہُوں نے میرے کھانے میں پِت مِلا دیا، اَور میری پیاس بُجھانے کے لیٔے مُجھے سِرکہ پِلایا۔

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کِتابِ مُقادّس

21 اُنہوں نے مُجھے کھانے کو اِندراین بھی دِیا اور میری پیاس بُجھانے کو اُنہوں نے مُجھے سِرکہ پِلایا۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

21 اُنہوں نے میری خوراک میں کڑوا زہر ملایا، مجھے سرکہ پلایا جب پیاسا تھا۔

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زبور 69:21
13 حوالہ جات  

वहाँ उन्होंने उसे मै पेश की जिसमें कोई कड़वी चीज़ मिलाई गई थी। लेकिन चखकर ईसा ने उसे पीने से इनकार कर दिया।


फ़ौजियों ने भी उसे लान-तान की। उसके पास आकर उन्होंने उसे मै का सिरका पेश किया


वहाँ उन्होंने उसे मै पेश की जिसमें मुर मिलाया गया था, लेकिन उसने पीने से इनकार किया।


उनमें से एक ने फ़ौरन दौड़कर एक इस्फ़ंज को मै के सिरके में डुबोया और उसे डंडे पर लगाकर ईसा को चुसाने की कोशिश की।


किसी ने दौड़कर मै के सिरके में एक इस्फ़ंज डुबोया और उसे डंडे पर लगाकर ईसा को चुसाने की कोशिश की। वह बोला, “आओ हम देखें, शायद इलियास आकर उसे सलीब पर से उतार ले।”


इसलिए रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, “देखो, मैं इस क़ौम को कड़वा खाना खिलाकर ज़हरीला पानी पिला दूँगा।


तब तुम कहोगे, ‘हम यहाँ क्यों बैठे रहें? आओ, हम क़िलाबंद शहरों में पनाह लेकर वहीं हलाक हो जाएँ। हमने रब अपने ख़ुदा का गुनाह किया है, और अब हम इसका नतीजा भुगत रहे हैं। क्योंकि उसी ने हमें हलाकत के हवाले करके हमें ज़हरीला पानी पिला दिया है।


ध्यान दो कि यहाँ मौजूद कोई भी मर्द, औरत, कुंबा या क़बीला रब अपने ख़ुदा से हटकर दूसरी क़ौमों के देवताओं की पूजा न करे। ऐसा न हो कि तुम्हारे दरमियान कोई जड़ फूटकर ज़हरीला और कड़वा फल लाए।


इसलिए रब इन नबियों के बारे में फ़रमाता है, “मैं उन्हें कड़वा खाना खिलाऊँगा और ज़हरीला पानी पिलाऊँगा, क्योंकि यरूशलम के नबियों ने पूरे मुल्क में बेदीनी फैलाई है।”


मैंने एक बार फिर नज़र डाली तो मुझे वह तमाम ज़ुल्म नज़र आया जो सूरज तले होता है। मज़लूमों के आँसू बहते हैं, और तसल्ली देनेवाला कोई नहीं होता। ज़ालिम उनसे ज़्यादती करते हैं, और तसल्ली देनेवाला कोई नहीं होता।


रात को वह रो रोकर गुज़ारती है, उसके गाल आँसुओं से तर रहते हैं। आशिक़ों में से कोई नहीं रहा जो उसे तसल्ली दे। दोस्त सबके सब बेवफ़ा होकर उसके दुश्मन बन गए हैं।


गो उसके दामन में बहुत गंदगी थी, तो भी उसने अपने अंजाम का ख़याल तक न किया। अब वह धड़ाम से गिर गई है, और कोई नहीं है जो उसे तसल्ली दे। “ऐ रब, मेरी मुसीबत का लिहाज़ कर! क्योंकि दुश्मन शेख़ी मार रहा है।”


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