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زبور 62:7 - किताबे-मुक़द्दस

7 मेरी नजात और इज़्ज़त अल्लाह पर मबनी है, वही मेरी महफ़ूज़ चट्टान है। अल्लाह में मैं पनाह लेता हूँ।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

7 میری نَجات اَور میری عزّت خُدا پر مُنحصر ہے؛ وہ میری مضبُوط چٹّان اَور میری پناہ گاہ ہیں۔

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کِتابِ مُقادّس

7 میری نجات اور میری شَوکت خُدا کی طرف سے ہے۔ خُدا ہی میری قُوّت کی چٹان اور میری پناہ ہے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

7 میری نجات اور عزت اللہ پر مبنی ہے، وہی میری محفوظ چٹان ہے۔ اللہ میں مَیں پناہ لیتا ہوں۔

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زبور 62:7
17 حوالہ جات  

लेकिन तू ऐ रब, चारों तरफ़ मेरी हिफ़ाज़त करनेवाली ढाल है। तू मेरी इज़्ज़त है जो मेरे सर को उठाए रखता है।


रब पर अबद तक एतमाद रखो! क्योंकि रब ख़ुदा अबदी चट्टान है।


लेकिन रब मेरा क़िला बन गया है, और मेरा ख़ुदा मेरी पनाह की चट्टान साबित हुआ है।


रब मेरी चट्टान, मेरा क़िला और मेरा नजातदहिंदा है। मेरा ख़ुदा मेरी चट्टान है जिसमें मैं पनाह लेता हूँ। वह मेरी ढाल, मेरी नजात का पहाड़, मेरा बुलंद हिसार है।


वाक़ई, पहाड़ियों और पहाड़ों पर बुतपरस्ती का तमाशा फ़रेब ही है। यक़ीनन रब हमारा ख़ुदा इसराईल की नजात है।


आओ, हम शादियाना बजाकर रब की मद्हसराई करें, ख़ुशी के नारे लगाकर अपनी नजात की चट्टान की तमजीद करें!


लेकिन ख़ुदा करे कि मैं सिर्फ़ हमारे ख़ुदावंद ईसा मसीह की सलीब ही पर फ़ख़र करूँ। क्योंकि उस की सलीब से दुनिया मेरे लिए मसलूब हुई है और मैं दुनिया के लिए।


क़ोरह की औलाद का ज़बूर। मौसीक़ी के राहनुमा के लिए। गीत का तर्ज़ : कुँवारियाँ। अल्लाह हमारी पनाहगाह और क़ुव्वत है। मुसीबत के वक़्त वह हमारा मज़बूत सहारा साबित हुआ है।


लेकिन इसराईल की तमाम औलाद रब में रास्तबाज़ ठहरकर उस पर फ़ख़र करेगी।


यक़ीनन उस की नजात उनके क़रीब है जो उसका ख़ौफ़ मानते हैं ताकि जलाल हमारे मुल्क में सुकूनत करे।


रब ज़िंदा है! मेरी चट्टान की तमजीद हो! मेरी नजात के ख़ुदा की ताज़ीम हो!


ऐ आदमज़ादो, मेरी इज़्ज़त कब तक ख़ाक में मिलाई जाती रहेगी? तुम कब तक बातिल चीज़ों से लिपटे रहोगे, कब तक झूट की तलाश में रहोगे? (सिलाह)


रब हर वक़्त मेरी आँखों के सामने रहता है। वह मेरे दहने हाथ रहता है, इसलिए मैं नहीं डगमगाऊँगा।


ज़ियारत का गीत। जो रब पर भरोसा रखते हैं वह कोहे-सिय्यून की मानिंद हैं जो कभी नहीं डगमगाता बल्कि अबद तक क़ायम रहता है।


वही बुलंदियों पर बसेगा और पहाड़ के क़िले में महफ़ूज़ रहेगा। उसे रोटी मिलती रहेगी, और पानी की कभी कमी न होगी।


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