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زبور 51:16 - किताबे-मुक़द्दस

16 क्योंकि तू ज़बह की क़ुरबानी नहीं चाहता, वरना मैं वह पेश करता। भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ तुझे पसंद नहीं।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

16 قُربانی سے آپ خُوش نہیں ہوتے، ورنہ میں اُسے پیش کرتا، اَور سوختنی نذروں میں بھی آپ کی خُوشی نہیں ہوتی۔

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کِتابِ مُقادّس

16 کیونکہ قُربانی میں تیری خُوشنُودی نہیں ورنہ مَیں دیتا۔ سوختنی قُربانی سے تُجھے کُچھ خُوشی نہیں۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

16 کیونکہ تُو ذبح کی قربانی نہیں چاہتا، ورنہ مَیں وہ پیش کرتا۔ بھسم ہونے والی قربانیاں تجھے پسند نہیں۔

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زبور 51:16
19 حوالہ جات  

तू क़ुरबानियाँ और नज़रें नहीं चाहता था, लेकिन तूने मेरे कानों को खोल दिया। तूने भस्म होनेवाली क़ुरबानियों और गुनाह की क़ुरबानियों का तक़ाज़ा न किया।


क्योंकि मैं क़ुरबानी नहीं बल्कि रहम पसंद करता हूँ, भस्म होनेवाली क़ुरबानियों की निसबत मुझे यह पसंद है कि तुम अल्लाह को जान लो।


लेकिन समुएल ने जवाब दिया, “रब को क्या बात ज़्यादा पसंद है, आपकी भस्म होनेवाली और ज़बह की क़ुरबानियाँ या यह कि आप उस की सुनते हैं? सुनना क़ुरबानी से कहीं बेहतर और ध्यान देना मेंढे की चरबी से कहीं उम्दा है।


यक़ीनन तू बातिन की सच्चाई पसंद करता और पोशीदगी में मुझे हिकमत की तालीम देता है।


बेदीनों की क़ुरबानी क़ाबिले-घिन है, ख़ासकर जब उसे बुरे मक़सद से पेश किया जाए।


रब बेदीनों की क़ुरबानी से घिन खाता, लेकिन सीधी राह पर चलनेवालों की दुआ से ख़ुश होता है।


मैं तुझे तेरी ज़बह की क़ुरबानियों के बाइस मलामत नहीं कर रहा। तेरी भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ तो मुसलसल मेरे सामने हैं।


ऐ यरमियाह, तू उन्हें यह तमाम बातें बताएगा, लेकिन वह तेरी नहीं सुनेंगे। तू उन्हें बुलाएगा, लेकिन वह जवाब नहीं देंगे।


अगर कोई आदमी किसी की बीवी के साथ ज़िना करे और वह पकड़े जाएँ तो दोनों को सज़ाए-मौत देनी है। यों तू इसराईल से बुराई मिटा देगा।


अगर सिर्फ़ एक शख़्स से ग़ैरइरादी तौर पर गुनाह हुआ हो तो गुनाह की क़ुरबानी के लिए वह एक यकसाला बकरी पेश करे।


लेकिन जो दीदा-दानिस्ता और चालाकी से किसी को मार डालता है उसे मेरी क़ुरबानगाह से भी छीनकर सज़ाए-मौत देना है।


क़ातिल को ज़रूर सज़ाए-मौत देना। ख़ाह वह इससे बचने के लिए कोई भी मुआवज़ा दे उसे आज़ाद न छोड़ना बल्कि सज़ाए-मौत देना।


अब मुझे बता कि तूने मेरी मरज़ी को हक़ीर जानकर ऐसी हरकत क्यों की है जिससे मुझे नफ़रत है? तूने ऊरियाह हित्ती को क़त्ल करवा के उस की बीवी को छीन लिया है। हाँ, तू क़ातिल है, क्योंकि तूने हुक्म दिया कि ऊरियाह को अम्मोनियों से लड़ते लड़ते मरवाना है।


मेरा मुँह तेरी रास्ती सुनाता रहेगा, सारा दिन तेरे नजातबख़्श कामों का ज़िक्र करता रहेगा, गो मैं उनकी पूरी तादाद गिन भी नहीं सकता।


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