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زبور 49:14 - किताबे-मुक़द्दस

14 उन्हें भेड़-बकरियों की तरह पाताल में लाया जाएगा, और मौत उन्हें चराएगी। क्योंकि सुबह के वक़्त दियानतदार उन पर हुकूमत करेंगे। तब उनकी शक्लो-सूरत घिसे-फटे कपड़े की तरह गल-सड़ जाएगी, पाताल ही उनकी रिहाइशगाह होगा।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

14 وہ بھیڑوں کی مانند پاتال کے لیٔے وقف کئے گیٔے ہیں، اَور وہ موت کا لقمہ بَن جایٔیں گے۔ صُبح کے وقت دیانتدار اُن پر حُکومت کریں گے؛ اَور اُن کی صورتیں اُن کے شاہی محلوں سے دُور، پاتال میں سڑ جایٔیں گی۔

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کِتابِ مُقادّس

14 وہ گویا پاتال کا ریوڑ ٹھہرائے گئے ہیں۔ مَوت اُن کی پاسبان ہو گی۔ دِیانت دار صُبح کو اُن پر مُسلّط ہو گا اور اُن کا حُسن پاتال کا لُقمہ ہو کر بے ٹِھکانا ہو گا۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

14 اُنہیں بھیڑبکریوں کی طرح پاتال میں لایا جائے گا، اور موت اُنہیں چَرائے گی۔ کیونکہ صبح کے وقت دیانت دار اُن پر حکومت کریں گے۔ تب اُن کی شکل و صورت گھسے پھٹے کپڑے کی طرح گل سڑ جائے گی، پاتال ہی اُن کی رہائش گاہ ہو گا۔

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زبور 49:14
23 حوالہ جات  

जिस दिन मैं यह कुछ करूँगा उस दिन तुम बेदीनों को यों कुचल डालोगे कि वह पाँवों तले की ख़ाक बन जाएंगे।” यह रब्बुल-अफ़वाज का फ़रमान है।


क्या आप नहीं जानते कि मुक़द्दसीन दुनिया की अदालत करेंगे? और अगर आप दुनिया की अदालत करेंगे तो क्या आप इस क़ाबिल नहीं कि छोटे मोटे झगड़ों का फ़ैसला कर सकें?


लेकिन फिर क़दीमुल-ऐयाम आ पहुँचा और अल्लाह तआला के मुक़द्दसीन के लिए इनसाफ़ क़ायम किया। फिर वह वक़्त आया जब मुक़द्दसीन को बादशाही हासिल हुई।


हाँ, अब मैं जानता हूँ कि तू मुझे मौत के हवाले करेगा, उस घर में पहुँचाएगा जहाँ एक दिन तमाम जानदार जमा हो जाते हैं।


जैसे कलामे-मुक़द्दस में लिखा है, “तेरी ख़ातिर हमें दिन-भर मौत का सामना करना पड़ता है, लोग हमें ज़बह होनेवाली भेड़ों के बराबर समझते हैं।”


तुम मेरी बादशाही में मेरी मेज़ पर बैठकर मेरे साथ खाओ और पियोगे, और तख़्तों पर बैठकर इसराईल के बारह क़बीलों का इनसाफ़ करोगे।


लेकिन अल्लाह तआला के मुक़द्दसीन को हक़ीक़ी बादशाही मिलेगी, वह बादशाही जो अबद तक हासिल रहेगी।”


जब तू इनसान को उसके क़ुसूर की मुनासिब सज़ा देकर उसको तंबीह करता है तो उस की ख़ूबसूरती कीड़ा लगे कपड़े की तरह जाती रहती है। हर इनसान दम-भर का ही है। (सिलाह)


क्योंकि वह लमहा-भर के लिए ग़ुस्से होता, लेकिन ज़िंदगी-भर के लिए मेहरबानी करता है। गो शाम को रोना पड़े, लेकिन सुबह को हम ख़ुशी मनाएँगे।


आओ, हम उसे जान लें, हम पूरी जिद्दो-जहद के साथ रब को जानने के लिए कोशाँ रहें। वह ज़रूर हम पर ज़ाहिर होगा। यह उतना यक़ीनी है जितना सूरज का रोज़ाना तुलू होना यक़ीनी है। जिस तरह मौसमे-बहार की तेज़ बारिश ज़मीन को सेराब करती है उसी तरह अल्लाह भी हमारे पास आएगा।”


लेकिन ऐ रब, तू मुझे जानता है। तू मेरा मुलाहज़ा करके मेरे दिल को परखता रहता है। गुज़ारिश है कि तू उन्हें भेड़ों की तरह घसीटकर ज़बह करने के लिए ले जा। उन्हें क़त्लो-ग़ारत के दिन के लिए मख़सूस कर!


तब तेरी ख़ाक दुबारा उस ख़ाक में मिल जाएगी जिससे निकल आई और तेरी रूह उस ख़ुदा के पास लौट जाएगी जिसने उसे बख़्शा था।


उसने क़ौमों को हमारे तहत कर दिया, उम्मतों को हमारे पाँवों तले रख दिया।


तूने हमें भेड़-बकरियों की तरह क़स्साब के हाथ में छोड़ दिया, हमें मुख़्तलिफ़ क़ौमों में मुंतशिर कर दिया है।


बेदीन पाताल में उतरेंगे, जो उम्मतें अल्लाह को भूल गई हैं वह सब वहाँ जाएँगी।


अब दोनों मिलकर ख़ाक में पड़े रहते हैं, दोनों कीड़े-मकोड़ों से ढाँपे रहते हैं।


उनकी ज़िंदगी ख़ुशहाल रहती है, वह हर दिन से पूरा लुत्फ़ उठाते और आख़िरकार बड़े सुकून से पाताल में उतर जाते हैं।


उसके ख़ैमे के रस्से ढीले करो तो वह हिकमत हासिल किए बग़ैर इंतक़ाल कर जाता है।


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