लेकिन हैवान को गिरिफ़्तार किया गया। उसके साथ उस झूटे नबी को भी गिरिफ़्तार किया गया जिसने हैवान की ख़ातिर मोजिज़ाना निशान दिखाए थे। इन मोजिज़ों के वसीले से उसने उनको फ़रेब दिया था जिन्हें हैवान का निशान मिल गया था और जो उसके मुजस्समे को सिजदा करते थे। दोनों को जलती हुई गंधक की शोलाख़ेज़ झील में फेंका गया।
