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زبور 4:4 - किताबे-मुक़द्दस

4 ग़ुस्से में आते वक़्त गुनाह मत करना। अपने बिस्तर पर लेटकर मामले पर सोच-बिचार करो, लेकिन दिल में, ख़ामोशी से। (सिलाह)

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

4 تھرتھراؤ اَور تُم گُناہ سے باز رہو؛ خاموش رہو، اَور جَب تُم اَپنے بِستر پر لیٹتے ہو، اَور تُم اَپنے دِلوں کو ٹٹولو۔

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کِتابِ مُقادّس

4 تھرتھراؤ اور گُناہ نہ کرو۔ اپنے اپنے بِستر پر دِل میں سوچو اور خاموش رہو۔ (سِلاہ)

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

4 غصے میں آتے وقت گناہ مت کرنا۔ اپنے بستر پر لیٹ کر معاملے پر سوچ بچار کرو، لیکن دل میں، خاموشی سے۔ (سِلاہ)

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زبور 4:4
17 حوالہ جات  

ग़ुस्से में आते वक़्त गुनाह मत करना। आपका ग़ुस्सा सूरज के ग़ुरूब होने तक ठंडा हो जाए,


रात को मैं अपना गीत याद करता हूँ। मेरा दिल महवे-ख़याल रहता और मेरी रूह तफ़तीश करती रहती है।


अपने आपको दानिशमंद मत समझना बल्कि रब का ख़ौफ़ मानकर बुराई से दूर रह।


बिस्तर पर मैं तुझे याद करता, पूरी रात के दौरान तेरे बारे में सोचता रहता हूँ।


वह फ़रमाता है, “अपनी हरकतों से बाज़ आओ! जान लो कि मैं ख़ुदा हूँ। मैं अक़वाम में सरबुलंद और दुनिया में सरफ़राज़ हूँगा।”


अपने आपको जाँचकर मालूम करें कि क्या आपका ईमान क़ायम है? ख़ुद अपने आपको परखें। क्या आप नहीं जानते कि ईसा मसीह आपमें है? अगर नहीं तो इसका मतलब होता कि आपका ईमान नामक़बूल साबित होता।


कुल दुनिया रब का ख़ौफ़ माने, ज़मीन के तमाम बाशिंदे उससे दहशत खाएँ।


इनसान से उसने कहा, ‘सुनो, अल्लाह का ख़ौफ़ मानना ही हिकमत और बुराई से दूर रहना ही समझ है’।”


शफ़क़त और वफ़ादारी गुनाह का कफ़्फ़ारा देती हैं। रब का ख़ौफ़ मानने से इनसान बुराई से दूर रहता है।


लेकिन रब अपने मुक़द्दस घर में मौजूद है। उसके हुज़ूर पूरी दुनिया ख़ामोश रहे।”


दियानतदार की मज़बूत राह बुरे काम से दूर रहती है, जो अपनी राह की पहरादारी करे वह अपनी जान बचाए रखता है।


सरदार बिलावजह मेरा पीछा करते हैं, लेकिन मेरा दिल तेरे कलाम से ही डरता है।


मैं बुलंद आवाज़ से रब को पुकारता हूँ, और वह अपने मुक़द्दस पहाड़ से मेरी सुनता है। (सिलाह)


ख़ौफ़ करते हुए रब की ख़िदमत करो, लरज़ते हुए ख़ुशी मनाओ।


रब फ़रमाता है, “क्या तुम्हें मेरा ख़ौफ़ नहीं मानना चाहिए, मेरे हुज़ूर नहीं काँपना चाहिए? सोच लो! मैं ही ने रेत से समुंदर की सरहद मुक़र्रर की, एक ऐसी बाड़ बनाई जिस पर से वह कभी नहीं गुज़र सकता। गो वह ज़ोर से लहरें मारे तो भी नाकाम रहता है, गो उस की मौजें ख़ूब गरजें तो भी मुक़र्ररा हद से आगे नहीं बढ़ सकतीं।


मेरे बारे में बहुतेरे कह रहे हैं, “अल्लाह इसे छुटकारा नहीं देगा।” (सिलाह)


ऐ अल्लाह, मैं तुझे पुकारता हूँ, क्योंकि तू मेरी सुनेगा। कान लगाकर मेरी दुआ को सुन।


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