Biblia Todo Logo
آن لائن بائبل

- اشتہارات -




زبور 30:7 - किताबे-मुक़द्दस

7 ऐ रब, जब तू मुझसे ख़ुश था तो तूने मुझे मज़बूत पहाड़ पर रख दिया। लेकिन जब तूने अपना चेहरा मुझसे छुपा लिया तो मैं सख़्त घबरा गया।

باب دیکھیں کاپی

اُردو ہم عصر ترجُمہ

7 اَے یَاہوِہ، جَب آپ نے مُجھ پر نظرِکرم کی، تَب آپ نے مُجھے پہاڑ کی مانند ثابت قدم کر دیا؛ لیکن جَب آپ نے اَپنا چہرہ چھُپا لیا، تو میرے اوسان خطا ہو گئے۔

باب دیکھیں کاپی

کِتابِ مُقادّس

7 اَے خُداوند! تُو نے اپنے کرم سے میرے پہاڑ کو قائِم رکھّا تھا۔ جب تُو نے اپنا چہرہ چِھپایا تو مَیں گھبرا اُٹھا۔

باب دیکھیں کاپی

ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

7 اے رب، جب تُو مجھ سے خوش تھا تو تُو نے مجھے مضبوط پہاڑ پر رکھ دیا۔ لیکن جب تُو نے اپنا چہرہ مجھ سے چھپا لیا تو مَیں سخت گھبرا گیا۔

باب دیکھیں کاپی




زبور 30:7
16 حوالہ جات  

जब तू अपना चेहरा छुपा लेता है तो उनके हवास गुम हो जाते हैं। जब तू उनका दम निकाल लेता है तो वह नेस्त होकर दुबारा ख़ाक में मिल जाते हैं।


ऐ रब, मेरी सुनने में जल्दी कर। मेरी जान तो ख़त्म होनेवाली है। अपना चेहरा मुझसे छुपाए न रख, वरना मैं गढ़े में उतरनेवालों की मानिंद हो जाऊँगा।


क्योंकि तू ही उनकी ताक़त की शान है, और तू अपने करम से हमें सरफ़राज़ करेगा।


वह मुझे तबाही के गढ़े से खींच लाया, दलदल और कीचड़ से निकाल लाया। उसने मेरे पाँवों को चट्टान पर रख दिया, और अब मैं मज़बूती से चल-फिर सकता हूँ।


क्योंकि वह लमहा-भर के लिए ग़ुस्से होता, लेकिन ज़िंदगी-भर के लिए मेहरबानी करता है। गो शाम को रोना पड़े, लेकिन सुबह को हम ख़ुशी मनाएँगे।


क्योंकि तू ऐ रब, रास्तबाज़ को बरकत देता है, तू अपनी मेहरबानी की ढाल से उस की चारों तरफ़ हिफ़ाज़त करता है।


तू ही ने मुझे ज़िंदगी और अपनी मेहरबानी से नवाज़ा, और तेरी देख-भाल ने मेरी रूह को महफ़ूज़ रखा।


फिर मेरा ग़ज़ब उन पर भड़केगा। मैं उन्हें छोड़कर अपना चेहरा उनसे छुपा लूँगा। तब उन्हें कच्चा चबा लिया जाएगा और बहुत सारी हैबतनाक मुसीबतें उन पर आएँगी। उस वक़्त वह कहेंगे, ‘क्या यह मुसीबतें इस वजह से हम पर नहीं आईं कि रब हमारे साथ नहीं है?’


यक़ीनन यह तलख़ तजरबा मेरी बरकत का बाइस बन गया। तेरी मुहब्बत ने मेरी जान को क़ब्र से महफ़ूज़ रखा, तूने मेरे तमाम गुनाहों को अपनी पीठ के पीछे फेंक दिया है।


क्योंकि मुझ पर तेरी लानत और तेरा ग़ज़ब नाज़िल हुआ है। तूने मुझे उठाकर ज़मीन पर पटख़ दिया है।


उन्होंने अपनी ही तलवार के ज़रीए मुल्क पर क़ब्ज़ा नहीं किया, अपने ही बाज़ू से फ़तह नहीं पाई बल्कि तेरे दहने हाथ, तेरे बाज़ू और तेरे चेहरे के नूर ने यह सब कुछ किया। क्योंकि वह तुझे पसंद थे।


ऐ रब, तू इतना दूर क्यों खड़ा है? मुसीबत के वक़्त तू अपने आपको पोशीदा क्यों रखता है?


ہمیں فالو کریں:

اشتہارات


اشتہارات