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زبور 140:3 - किताबे-मुक़द्दस

3 उनकी ज़बान साँप की ज़बान जैसी तेज़ है, और उनके होंटों में साँप का ज़हर है। (सिलाह)

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

3 وہ اَپنی زبانوں کو سانپ کی مانند تیز کرتے ہیں؛ اَور اُن کے لبوں پر افعی کا زہر ہوتاہے۔

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کِتابِ مُقادّس

3 اُنہوں نے اپنی زُبان سانپ کی طرح تیز کر رکھّی ہے۔ اُن کے ہونٹوں کے نِیچے افعی کا زہر ہے۔ (سِلاہ)

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

3 اُن کی زبان سانپ کی زبان جیسی تیز ہے، اور اُن کے ہونٹوں میں سانپ کا زہر ہے۔ (سِلاہ)

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زبور 140:3
18 حوالہ جات  

वह साँप की तरह ज़हर उगलते हैं, उस बहरे नाग की तरह जो अपने कानों को बंद कर रखता है


लेकिन अफ़सोस, मुझे डर है कि आप हव्वा की तरह गुनाह में गिर जाएंगे, कि जिस तरह साँप ने अपनी चालाकी से हव्वा को धोका दिया उसी तरह आपकी सोच भी बिगड़ जाएगी और वह ख़ुलूसदिली और पाक लग्न ख़त्म हो जाएगी जो आप मसीह के लिए महसूस करते हैं।


अंजामकार वह तुझे साँप की तरह काटेगी, नाग की तरह डसेगी।


ऐ साँप के बच्चो! तुम जो बुरे हो किस तरह अच्छी बातें कर सकते हो? क्योंकि जिस चीज़ से दिल लबरेज़ होता है वह छलककर ज़बान पर आ जाती है।


हर एक अपने पड़ोसी को धोका देता है, कोई भी सच नहीं बोलता। उन्होंने अपनी ज़बान को झूट बोलना सिखाया है, और अब वह ग़लत काम करते करते थक गए हैं।


रब फ़रमाता है, “वह अपनी ज़बान से झूट के तीर चलाते हैं, और मुल्क में उनकी ताक़त दियानतदारी पर मबनी नहीं होती। नीज़, वह बदतर होते जा रहे हैं। मुझे तो वह जानते ही नहीं।


मैं इनसान को हड़प करनेवाले शेरबबरों के बीच में लेटा हुआ हूँ, उनके दरमियान जिनके दाँत नेज़े और तीर हैं और जिनकी ज़बान तेज़ तलवार है।


हम मानते हैं कि रब से बेवफ़ा रहे बल्कि उसका इनकार भी किया है। हमने अपना मुँह अपने ख़ुदा से फेरकर ज़ुल्म और धोके की बातें फैलाई हैं। हमारे दिलों में झूट का बीज बढ़ते बढ़ते मुँह में से निकला।


गप्पें हाँकनेवाले की बातें तलवार की तरह ज़ख़मी कर देती हैं जबकि दानिशमंद की ज़बान शफ़ा देती है।


अब रब ख़ुदा औरत से मुख़ातिब हुआ, “तूने यह क्यों किया?” औरत ने जवाब दिया, “साँप ने मुझे बहकाया तो मैंने खाया।”


देख, उनके मुँह से राल टपक रही है, उनके होंटों से तलवारें निकल रही हैं। क्योंकि वह समझते हैं, “कौन सुनेगा?”


उसके दिल में कजी है, और वह हर वक़्त बुरे मनसूबे बाँधने में लगा रहता है। जहाँ भी जाए वहाँ झगड़े छिड़ जाते हैं।


जो कुछ मेरे मुख़ालिफ़ पूरा दिन मेरे ख़िलाफ़ फुसफुसाते और बुड़बुड़ाते हैं उससे तू ख़ूब आश्ना है।


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