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زبور 128:1 - किताबे-मुक़द्दस

1 ज़ियारत का गीत। मुबारक है वह जो रब का ख़ौफ़ मानकर उस की राहों पर चलता है।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

1 مُبارک ہیں وہ جو یَاہوِہ سے ڈرتے ہیں، اَور اُن کی راہوں پر چلتے ہیں۔

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کِتابِ مُقادّس

1 مُبارک ہے ہر ایک جو خُداوند سے ڈرتا اور اُس کی راہوں پر چلتا ہے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

1 زیارت کا گیت۔ مبارک ہے وہ جو رب کا خوف مان کر اُس کی راہوں پر چلتا ہے۔

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زبور 128:1
24 حوالہ جات  

मुबारक हैं वह जिनका चाल-चलन बेइलज़ाम है, जो रब की शरीअत के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारते हैं।


रब की हम्द हो! मुबारक है वह जो अल्लाह का ख़ौफ़ मानता और उसके अहकाम से बहुत लुत्फ़अंदोज़ होता है।


जो उसका ख़ौफ़ मानते हैं उन पर वह पुश्त-दर-पुश्त अपनी रहमत ज़ाहिर करेगा।


जिस तरह बाप अपने बच्चों पर तरस खाता है उसी तरह रब उन पर तरस खाता है जो उसका ख़ौफ़ मानते हैं।


इस पर यहूदिया, गलील और सामरिया के पूरे इलाक़े में फैली हुई जमात को अमनो-अमान हासिल हुआ। रूहुल-क़ुद्स की हिमायत से उस की तामीरो-तक़वियत हुई, वह ख़ुदा का ख़ौफ़ मानकर चलती रही और तादाद में भी बढ़ती गई।


रब उन्हीं से ख़ुश होता है जो उसका ख़ौफ़ मानते और उस की शफ़क़त के इंतज़ार में रहते हैं।


सुलेमान का ज़ियारत का गीत। अगर रब घर को तामीर न करे तो उस पर काम करनेवालों की मेहनत अबस है। अगर रब शहर की पहरादारी न करे तो इनसानी पहरेदारों की निगहबानी अबस है।


वह रब का ख़ौफ़ माननेवालों को बरकत देगा, ख़ाह छोटे हों या बड़े।


भाइयो, एक आख़िरी बात, आपने हमसे सीख लिया था कि हमारी ज़िंदगी किस तरह होनी चाहिए ताकि वह अल्लाह को पसंद आए। और आप इसके मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारते भी हैं। अब हम ख़ुदावंद ईसा में आपसे दरख़ास्त और आपकी हौसलाअफ़्ज़ाई करते हैं कि आप इसमें मज़ीद तरक़्क़ी करते जाएँ।


लेकिन जो रब का ख़ौफ़ मानें उन पर वह हमेशा तक मेहरबानी करेगा, वह अपनी रास्ती उनके पोतों और नवासों पर भी ज़ाहिर करेगा।


ज़ियारत का गीत। जो रब पर भरोसा रखते हैं वह कोहे-सिय्यून की मानिंद हैं जो कभी नहीं डगमगाता बल्कि अबद तक क़ायम रहता है।


ज़ियारत का गीत। मुसीबत में मैंने रब को पुकारा, और उसने मेरी सुनी।


जो बदी नहीं करते बल्कि उस की राहों पर चलते हैं।


मियाँ-बीवी अल्लाह के नज़दीक रास्तबाज़ थे और रब के तमाम अहकाम और हिदायात के मुताबिक़ बेइलज़ाम ज़िंदगी गुज़ारते थे।


ज़ियारत का गीत। मैं अपनी आँखों को पहाड़ों की तरफ़ उठाता हूँ। मेरी मदद कहाँ से आती है?


दाऊद का ज़ियारत का गीत। इसराईल कहे, “अगर रब हमारे साथ न होता,


दाऊद का ज़बूर। ऐ मेरी जान, रब की सताइश कर! मेरा रगो-रेशा उसके क़ुद्दूस नाम की हम्द करे!


ज़ियारत का गीत। जब रब ने सिय्यून को बहाल किया तो ऐसा लग रहा था कि हम ख़ाब देख रहे हैं।


काश मेरी क़ौम सुने, इसराईल मेरी राहों पर चले!


ज़ियारत का गीत। मैं अपनी आँखों को तेरी तरफ़ उठाता हूँ, तेरी तरफ़ जो आसमान पर तख़्तनशीन है।


दाऊद का ज़ियारत का गीत। मैं उनसे ख़ुश हुआ जिन्होंने मुझसे कहा, “आओ, हम रब के घर चलें।”


रब तुझे शहर और देहात में बरकत देगा।


क्योंकि मैं रब की राहों पर चलता रहा हूँ, मैं बदी करने से अपने ख़ुदा से दूर नहीं हुआ।


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