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زبور 119:16 - किताबे-मुक़द्दस

16 मैं तेरे फ़रमानों से लुत्फ़अंदोज़ होता हूँ और तेरा कलाम नहीं भूलता।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

16 آپ کے قوانین میرے لیٔے خُوشی کا باعث ہیں، مَیں آپ کے کلام کو فراموش نہ کروں گا۔

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کِتابِ مُقادّس

16 مَیں تیرے آئِین میں مسرُور رہُوں گا۔ مَیں تیرے کلام کو نہ بُھولُوں گا۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

16 مَیں تیرے فرمانوں سے لطف اندوز ہوتا ہوں اور تیرا کلام نہیں بھولتا۔

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زبور 119:16
24 حوالہ جات  

तेरे अहकाम से ही मैं लुत्फ़ उठाता हूँ, वही मेरे मुशीर हैं।


मैं तेरे फ़रमानों से लुत्फ़अंदोज़ होता हूँ, वह मुझे प्यारे हैं।


हाँ, अपने बातिन में तो मैं ख़ुशी से अल्लाह की शरीअत को मानता हूँ।


मेरे बेटे, मेरी हिदायत मत भूलना। मेरे अहकाम तेरे दिल में महफ़ूज़ रहें।


अपने अहकाम की राह पर मेरी राहनुमाई कर, क्योंकि यही मैं पसंद करता हूँ।


मैं भटकी हुई भेड़ की तरह आवारा फिर रहा हूँ। अपने ख़ादिम को तलाश कर, क्योंकि मैं तेरे अहकाम नहीं भूलता।


मुझे ज़लील और हक़ीर जाना जाता है, लेकिन मैं तेरे आईन नहीं भूलता।


मेरी जान हमेशा ख़तरे में है, लेकिन मैं तेरी शरीअत नहीं भूलता।


मैं धुएँ में सुकड़ी हुई मशक की मानिंद हूँ लेकिन तेरे फ़रमानों को नहीं भूलता।


मुझ पर अपने रहम का इज़हार कर ताकि मेरी जान में जान आए, क्योंकि मैं तेरी शरीअत से लुत्फ़अंदोज़ होता हूँ।


उनके दिल अकड़कर बेहिस हो गए हैं, लेकिन मैं तेरी शरीअत से लुत्फ़अंदोज़ होता हूँ।


बल्कि रब की शरीअत से लुत्फ़अंदोज़ होता और दिन-रात उसी पर ग़ौरो-ख़ौज़ करता रहता है।


मैं तेरे अहकाम की राह से उतना लुत्फ़अंदोज़ होता हूँ जितना कि हर तरह की दौलत से।


ऐ मेरे ख़ुदा, मैं ख़ुशी से तेरी मरज़ी पूरी करता हूँ, तेरी शरीअत मेरे दिल में टिक गई है।”


मैंने तेरा कलाम अपने दिल में महफ़ूज़ रखा है ताकि तेरा गुनाह न करूँ।


बेदीनों के रस्सों ने मुझे जकड़ लिया है, लेकिन मैं तेरी शरीअत नहीं भूलता।


मुसीबत और परेशानी मुझ पर ग़ालिब आ गई हैं, लेकिन मैं तेरे अहकाम से लुत्फ़अंदोज़ होता हूँ।


मेरी मुसीबत का ख़याल करके मुझे बचा! क्योंकि मैं तेरी शरीअत नहीं भूलता।


ऐ रब, मैं तेरी नजात का आरज़ूमंद हूँ, तेरी शरीअत से लुत्फ़अंदोज़ होता हूँ।


जब इनसाफ़ किया जाए तो रास्तबाज़ ख़ुश हो जाता, लेकिन बदकार दहशत खाने लगता है।


ऐ रब, लशकरों के ख़ुदा, जब भी तेरा कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ तो मैंने उसे हज़म किया, और मेरा दिल उससे ख़ुशो-ख़ुर्रम हुआ। क्योंकि मुझ पर तेरे ही नाम का ठप्पा लगा है।


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