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امثال 17:15 - किताबे-मुक़द्दस

15 जो बेदीन को बेक़ुसूर और रास्तबाज़ को मुजरिम ठहराए उससे रब घिन खाता है।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

15 مُلزم کو بَری کرنا اَور صادق کو مُلزم قرار دینا؛ دونوں یَاہوِہ کے نزدیک مکرُوہ ہیں۔

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کِتابِ مُقادّس

15 جو شرِیر کو صادِق اور جو صادِق کو شرِیر ٹھہراتا ہے خُداوند کو اُن دونوں سے نفرت ہے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

15 جو بےدین کو بےقصور اور راست باز کو مجرم ٹھہرائے اُس سے رب گھن کھاتا ہے۔

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امثال 17:15
23 حوالہ جات  

ऐसे मामले से दूर रहना जिसमें लोग झूट बोलते हैं। जो बेगुनाह और हक़ पर है उसे सज़ाए-मौत न देना, क्योंकि मैं क़ुसूरवार को हक़-बजानिब नहीं ठहराऊँगा।


तुम रिश्वत खाकर मुजरिमों को बरी करते और बेक़ुसूरों के हुक़ूक़ मारते हो।


बेदीन की जानिबदारी करके रास्तबाज़ का हक़ मारना ग़लत है।


क्या घोड़े चट्टानों पर सरपट दौड़ते हैं? क्या इनसान बैल लेकर उन पर हल चलाता है? लेकिन तुम इतनी ही ग़ैरफ़ितरी हरकतें करते हो। क्योंकि तुम इनसाफ़ को ज़हर में और रास्ती का मीठा फल कड़वाहट में बदल देते हो।


रब बेदीनों की क़ुरबानी से घिन खाता, लेकिन सीधी राह पर चलनेवालों की दुआ से ख़ुश होता है।


आपने रास्तबाज़ को मुजरिम ठहराकर क़त्ल किया है, और उसने आपका मुक़ाबला नहीं किया।


लेकिन जब लोग काम नहीं करते बल्कि अल्लाह पर ईमान रखते हैं जो बेदीनों को रास्तबाज़ क़रार देता है तो उनका कोई हक़ नहीं बनता। वह उनके ईमान ही की बिना पर रास्तबाज़ क़रार दिए जाते हैं।


मैं तो तुम्हारे मुतअद्दिद जरायम और संगीन गुनाहों से ख़ूब वाक़िफ़ हूँ। तुम रास्तबाज़ों पर ज़ुल्म करते और रिश्वत लेकर ग़रीबों को अदालत में इनसाफ़ से महरूम रखते हो।


उन पर अफ़सोस जो इनसाफ़ को उलटकर ज़हर में बदल देते, जो रास्ती को ज़मीन पर पटख़ देते हैं!


रब छः चीज़ों से नफ़रत बल्कि सात चीज़ों से घिन खाता है,


फिर दो बदमाश आए और उसके मुक़ाबिल बैठ गए। इजतिमा के दौरान यह आदमी सबके सामने नबोत पर इलज़ाम लगाने लगे, “इस शख़्स ने अल्लाह और बादशाह पर लानत भेजी है! हम इसके गवाह हैं।” तब नबोत को शहर से बाहर ले जाकर संगसार कर दिया गया।


रब ग़लत तराज़ू से घिन खाता है, वह सहीह तराज़ू ही से ख़ुश होता है।


वह रास्तबाज़ की जान लेने के लिए आपस में मिल जाते और बेक़ुसूरों को क़ातिल ठहराते हैं।


बेक़ुसूर पर जुरमाना लगाना ग़लत है, और शरीफ़ को उस की दियानतदारी के सबब से कोड़े लगाना बुरा है।


ऐसा न हो कि वह पी पीकर क़वानीन भूल जाएँ और तमाम मज़लूमों का हक़ मारें।


तुम पर अफ़सोस जो बुराई को भुला और भलाई को बुरा क़रार देते हो, जो कहते हो कि तारीकी रौशनी और रौशनी तारीकी है, कि कड़वाहट मीठी और मिठास कड़वी है।


अल्लाह तआला के देखते देखते इनसान की हक़तलफ़ी की जा रही है,


अगर लोग अपना एक दूसरे के साथ झगड़ा ख़ुद निपटा न सकें तो वह अपना मामला अदालत में पेश करें। क़ाज़ी फ़ैसला करे कि कौन बेक़ुसूर है और कौन मुजरिम।


मेरी क़ौम के दरमियान ही तुमने मेरी बेहुरमती की, और यह सिर्फ़ चंद एक मुट्ठी-भर जौ और रोटी के दो-चार टुकड़ों के लिए। अफ़सोस, मेरी क़ौम झूट सुनना पसंद करती है। इससे फ़ायदा उठाकर तुमने उसे झूट पेश करके उन्हें मार डाला जिन्हें मरना नहीं था और उन्हें ज़िंदा छोड़ा जिन्हें ज़िंदा नहीं रहना था।


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