Biblia Todo Logo
آن لائن بائبل

- اشتہارات -




امثال 14:17 - किताबे-मुक़द्दस

17 ग़ुसीला आदमी अहमक़ाना हरकतें करता है, और लोग साज़िशी शख़्स से नफ़रत करते हैं।

باب دیکھیں کاپی

اُردو ہم عصر ترجُمہ

17 تنک مِزاج حماقت کے کام کرتا ہے، اَور بداندیش آدمی قابل نفرت ہوتاہے۔

باب دیکھیں کاپی

کِتابِ مُقادّس

17 زُود رنج بے وقُوفی کرتا ہے اور بُرے منصُوبے باندھنے والا گھِنَونا ہے۔

باب دیکھیں کاپی

ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

17 غصیلا آدمی احمقانہ حرکتیں کرتا ہے، اور لوگ سازشی شخص سے نفرت کرتے ہیں۔

باب دیکھیں کاپی




امثال 14:17
18 حوالہ جات  

तहम्मुल करनेवाला बड़ी समझदारी का मालिक है, लेकिन ग़ुसीला आदमी अपनी हमाक़त का इज़हार करता है।


ग़ज़बआलूद आदमी झगड़े छेड़ता रहता है, ग़ुसीले शख़्स से मुतअद्दिद गुनाह सरज़द होते हैं।


मेरे अज़ीज़ भाइयो, इसका ख़याल रखना, हर शख़्स सुनने में तेज़ हो, लेकिन बोलने और ग़ुस्सा करने में धीमा।


ग़ुस्सा करने में जल्दी न कर, क्योंकि ग़ुस्सा अहमक़ों की गोद में ही आराम करता है।


ग़ुसीला आदमी झगड़े छेड़ता रहता जबकि तहम्मुल करनेवाला लोगों के ग़ुस्से को ठंडा कर देता है।


ग़ुसीले शख़्स का दोस्त न बन, न उससे ज़्यादा ताल्लुक़ रख जो जल्दी से आग-बगूला हो जाता है।


तहम्मुल करनेवाला सूरमे से सबक़त लेता है, जो अपने आपको क़ाबू में रखे वह शहर को शिकस्त देनेवाले से बरतर है।


बदमाश के तरीक़े-कार शरीर हैं। वह ज़रूरतमंद को झूट से तबाह करने के मनसूबे बाँधता रहता है, ख़ाह ग़रीब हक़ पर क्यों न हो।


अहमक़ एकदम अपनी नाराज़ी का इज़हार करता है, लेकिन दाना अपनी बदनामी छुपाए रखता है।


रब अच्छे आदमी से ख़ुश होता है जबकि वह साज़िश करनेवाले को क़ुसूरवार ठहराता है।


वह दिल जो बुरे मनसूबे बाँधता है, वह पाँव जो दूसरों को नुक़सान पहुँचाने के लिए भागते हैं,


वह फ़ौरन मर्दकी को क़त्ल करने के मनसूबे बनाने लगा। लेकिन यह उसके लिए काफ़ी नहीं था। चूँकि उसे बताया गया था कि मर्दकी यहूदी है इसलिए वह फ़ारसी सलतनत में रहनेवाले तमाम यहूदियों को हलाक करने का रास्ता ढूँडने लगा।


क्या दमिश्क़ के दरिया अबाना और फ़रफ़र तमाम इसराईली दरियाओं से बेहतर नहीं हैं? अगर नहाने की ज़रूरत है तो मैं क्यों न उनमें नहाकर पाक-साफ़ हो जाऊँ?” यों बुड़बुड़ाते हुए वह बड़े ग़ुस्से में चला गया।


दानिशमंद डरते डरते ग़लत काम से दरेग़ करता है, लेकिन अहमक़ ख़ुदएतमाद है और एकदम मुश्तइल हो जाता है।


सादालौह मीरास में हमाक़त पाता है जबकि ज़हीन आदमी का सर इल्म के ताज से आरास्ता रहता है।


लड़ाई-झगड़े से बाज़ रहना इज़्ज़त का तुर्राए-इम्तियाज़ है जबकि हर अहमक़ झगड़ने के लिए तैयार रहता है।


ہمیں فالو کریں:

اشتہارات


اشتہارات