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امثال 11:4 - किताबे-मुक़द्दस

4 ग़ज़ब के दिन दौलत का कोई फ़ायदा नहीं जबकि रास्तबाज़ी लोगों की जान को छुड़ाती है।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

4 خُدا کے قہر کے دِن دولت کام نہیں آتی، لیکن راستی موت سے رِہائی بخشتی ہے۔

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کِتابِ مُقادّس

4 قہر کے دِن مال کام نہیں آتا لیکن صداقت مَوت سے رہائی دیتی ہے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

4 غضب کے دن دولت کا کوئی فائدہ نہیں جبکہ راست بازی لوگوں کی جان کو چھڑاتی ہے۔

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امثال 11:4
15 حوالہ جات  

ख़ज़ानों का कोई फ़ायदा नहीं अगर वह बेदीन तरीक़ों से जमा हो गए हों, लेकिन रास्तबाज़ी मौत से बचाए रखती है।


जब रब का ग़ज़ब नाज़िल होगा तो न उनका सोना, न चाँदी उन्हें बचा सकेगी। उस की ग़ैरत पूरे मुल्क को आग की तरह भस्म कर देगी। वह मुल्क के तमाम बाशिंदों को हलाक करेगा, हाँ उनका अंजाम हौलनाक होगा।


फिर रब ने नूह से कहा, “अपने घराने समेत कश्ती में दाख़िल हो जा, क्योंकि इस दौर के लोगों में से मैंने सिर्फ़ तुझे रास्तबाज़ पाया है।


अपनी चाँदी को वह गलियों में फेंक देंगे, अपने सोने को ग़िलाज़त समझेंगे। क्योंकि जब रब का ग़ज़ब उन पर नाज़िल होगा तो न उनकी चाँदी उन्हें बचा सकेगी, न सोना। उनसे न वह अपनी भूक मिटा सकेंगे, न अपने पेट को भर सकेंगे, क्योंकि यही चीज़ें उनके लिए गुनाह का बाइस बन गई थीं।


क्योंकि जिस्म की तरबियत का थोड़ा ही फ़ायदा है, लेकिन रूहानी तरबियत हर लिहाज़ से मुफ़ीद है, इसलिए कि अगर हम इस क़िस्म की तरबियत हासिल करें तो हमसे हाल और मुस्तक़बिल में ज़िंदगी पाने का वादा किया गया है।


लेकिन अल्लाह ने उससे कहा, ‘अहमक़! इसी रात तू मर जाएगा। तो फिर जो चीज़ें तूने जमा की हैं वह किसकी होंगी?’


क्या फ़ायदा है अगर किसी को पूरी दुनिया हासिल हो जाए, लेकिन वह अपनी जान से महरूम हो जाए? इनसान अपनी जान के बदले क्या दे सकता है?


इस एक शख़्स आदम के गुनाह के नतीजे में मौत सब पर हुकूमत करने लगी। लेकिन इस एक शख़्स ईसा मसीह का काम कितना ज़्यादा मुअस्सिर था। जितने भी अल्लाह का वाफ़िर फ़ज़ल और रास्तबाज़ी की नेमत पाते हैं वह मसीह के वसीले से अबदी ज़िंदगी में हुकूमत करेंगे।


रास्ती की राह में ज़िंदगी है, लेकिन ग़लत राह मौत तक पहुँचाती है।


क्योंकि शौहर ग़ैरत खाकर और तैश में आकर बेरहमी से बदला लेगा।


सैलाब उसका घर उड़ा ले जाएगा, ग़ज़ब के दिन शिद्दत से बहता हुआ पानी उस पर से गुज़रेगा।


लेकिन अदालत के दिन तुम क्या करोगे, जब दूर दूर से ज़बरदस्त तूफ़ान तुम पर आन पड़ेगा तो तुम मदद के लिए किसके पास भागोगे और अपना मालो-दौलत कहाँ महफ़ूज़ रख छोड़ोगे?


ख़ाह मुल्क में नूह, दानियाल और अय्यूब क्यों न बसते तो भी मुल्क न बचता। यह आदमी अपनी रास्तबाज़ी से सिर्फ़ अपनी ही जानों को बचा सकते। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है।


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