3 तेरे दिल के ग़ुरूर ने तुझे फ़रेब दिया है। चूँकि तू चट्टानों की दराड़ों में और बुलंदियों पर रहता है इसलिए तू दिल में सोचता है, ‘कौन मुझे यहाँ से उतार देगा’?”
3 تمہارے تکبُّر دِل نے تُمہیں فریب دیا ہے، اَے چٹّانوں کے شگاف میں رہنے والے، اَور بُلندیوں پر اَپنا مکان تعمیر کرنے والے، تُم جو اَپنے دِل میں کہتے ہو، کس میں اِتنی قُوّت ہے جو مُجھے نیچے زمین پر لا سکے؟
3 تیرے دل کے غرور نے تجھے فریب دیا ہے۔ چونکہ تُو چٹانوں کی دراڑوں میں اور بلندیوں پر رہتا ہے اِس لئے تُو دل میں سوچتا ہے، ’کون مجھے یہاں سے اُتار دے گا‘؟“
माज़ी में दूसरे तुझसे दहशत खाते थे, लेकिन इस बात ने और तेरे ग़ुरूर ने तुझे फ़रेब दिया है। बेशक तू चट्टानों की दराड़ों में बसेरा करता है, और पहाड़ी बुलंदियाँ तेरे क़ब्ज़े में हैं। लेकिन ख़ाह तू अपना घोंसला उक़ाब की-सी ऊँची जगहों पर क्यों न बनाए तो भी मैं तुझे वहाँ से उतारकर ख़ाक में मिला दूँगा।” यह रब का फ़रमान है।
अमसियाह ने अदोमियों को नमक की वादी में शिकस्त दी। उस वक़्त उनके 10,000 फ़ौजी उससे लड़ने आए थे। जंग के दौरान उसने सिला शहर पर क़ब्ज़ा कर लिया और उसका नाम युक़तियेल रखा। यह नाम आज तक रायज है।
अदोमी कहते हैं, “गो हम चकनाचूर हो गए हैं तो भी खंडरात की जगह नए घर बना लेंगे।” लेकिन रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “बेशक तामीर का काम करते जाओ, लेकिन मैं सब कुछ दुबारा ढा दूँगा। उनका मुल्क ‘बेदीनी का मुल्क’ और उनकी क़ौम ‘वह क़ौम जिस पर रब की अबदी लानत है’ कहलाएगी।
ऐ बेवफ़ा बेटी, तू घाटियों पर, पानी से छलकती अपनी वादी पर कितना फ़ख़्र करती है! तू अपने मालो-दौलत पर भरोसा करके शेख़ी मारती है कि अब मुझ पर कोई हमला नहीं करेगा।”
दुश्मन के मज़ीद 10,000 आदमियों को गिरिफ़्तार कर लिया गया। यहूदाह के फ़ौजियों ने क़ैदियों को एक ऊँची चट्टान की चोटी पर ले जाकर नीचे गिरा दिया। इस तरह सब पाश पाश होकर हलाक हुए।
रब फ़रमाता है कि ऐ यरूशलम, तू वादी के ऊपर ऊँची चट्टान पर रहकर फ़ख़र करती है कि कौन हम पर हमला करेगा, कौन हमारे घरों में घुस सकता है? लेकिन अब मैं ख़ुद तुझसे निपट लूँगा।
तिजारत में कामयाबी की वजह से तू ज़ुल्मो-तशद्दुद से भर गया और गुनाह करने लगा। यह देखकर मैंने तुझे अल्लाह के पहाड़ पर से उतार दिया। मैंने तुझे जो पहरादारी करनेवाला फ़रिश्ता था तबाह करके जलते हुए पत्थरों के दरमियान से निकाल दिया।