जो अपने आपको रब के लिए मख़सूस करता है वह ऐसा ही करे। लाज़िम है कि वह इन हिदायात के मुताबिक़ तमाम क़ुरबानियाँ पेश करे। अगर गुंजाइश हो तो वह और भी पेश कर सकता है। बहरहाल लाज़िम है कि वह अपनी मन्नत और यह हिदायात पूरी करे।”
फिर लावी के क़बीले के इमाम क़रीब आएँ। क्योंकि रब तुम्हारे ख़ुदा ने उन्हें चुन लिया है ताकि वह ख़िदमत करें, रब के नाम से बरकत दें और तमाम झगड़ों और हमलों का फ़ैसला करें।