“अगर किसी ने बेईमानी करके ग़ैरइरादी तौर पर रब की मख़सूस और मुक़द्दस चीज़ों के सिलसिले में गुनाह किया हो, ऐसा शख़्स क़ुसूर की क़ुरबानी के तौर पर रब को बेऐब और क़ीमत के लिहाज़ से मुनासिब मेंढा या बकरा पेश करे। उस की क़ीमत मक़दिस की शरह के मुताबिक़ मुक़र्रर की जाए।