उन्होंने अर्ज़ की, “आपके ख़ादिम कुल बारह भाई हैं। हम एक ही आदमी के बेटे हैं जो कनान में रहता है। सबसे छोटा भाई इस वक़्त हमारे बाप के पास है जबकि एक मर गया है।”
फिर रब क़ादिरे-मुतलक़ ने फ़रमाया, “मैं तुझे उस मुल्क की सरहद्दें बताता हूँ जो बारह क़बीलों में तक़सीम करना है। यूसुफ़ को दो हिस्से देने हैं, बाक़ी क़बीलों को एक एक हिस्सा।
जहाँ भी क़दम उठाए, वहाँ ज़मीन हिल जाती, जहाँ भी नज़र डाले वहाँ अक़वाम लरज़ उठती हैं। तब क़दीम पहाड़ फट जाते, पुरानी पहाड़ियाँ दबक जाती हैं। उस की राहें अज़ल से ऐसी ही रही हैं।