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گنتی 28:2 - किताबे-मुक़द्दस

2 “इसराईलियों को बताना, ख़याल रखो कि तुम मुक़र्ररा औक़ात पर मुझे जलनेवाली क़ुरबानियाँ पेश करो। यह मेरी रोटी हैं और इनकी ख़ुशबू मुझे पसंद है।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

2 ”بنی اِسرائیل کو یہ حُکم سُنانا اَور اُن سے کہنا، ’تُم میری نذر، یعنی میری وہ غِذا جو میرے لیٔے فرحت بخش خُوشبو والی آتِشی قُربانی ہے مُقرّرہ وقت پر یاد سے پیش کرتے رہنا۔‘

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کِتابِ مُقادّس

2 بنی اِسرائیل سے کہہ کہ میرا چڑھاوا یعنی میری وہ غِذا جو راحت انگیز خُوشبُو کی آتِشِین قُربانی ہے تُم یاد کر کے میرے حضُور وقتِ مُعیّن پر گُذرانا کرنا۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

2 ”اسرائیلیوں کو بتانا، خیال رکھو کہ تم مقررہ اوقات پر مجھے جلنے والی قربانیاں پیش کرو۔ یہ میری روٹی ہیں اور اِن کی خوشبو مجھے پسند ہے۔

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گنتی 28:2
32 حوالہ جات  

इमाम यह सब कुछ रब को पेश करके क़ुरबानगाह पर जला दे। यह ख़ुराक जलनेवाली क़ुरबानी है।


यह क़ुरबानियाँ देखकर रब ख़ुश हुआ और अपने दिल में कहा, “अब से मैं कभी ज़मीन पर इनसान की वजह से लानत नहीं भेजूँगा, क्योंकि उसका दिल बचपन ही से बुराई की तरफ़ मायल है। अब से मैं कभी इस तरह तमाम जान रखनेवाली मख़लूक़ात को रूए-ज़मीन पर से नहीं मिटाऊँगा।


यही मेरी रसीद है। मैंने पूरी रक़म वसूल पाई है बल्कि अब मेरे पास ज़रूरत से ज़्यादा है। जब से मुझे इपफ़्रुदितुस के हाथ आपका हदिया मिल गया है मेरे पास बहुत कुछ है। यह ख़ुशबूदार और क़ाबिले-क़बूल क़ुरबानी अल्लाह को पसंदीदा है।


मुहब्बत की रूह में ज़िंदगी यों गुज़ारें जैसे मसीह ने गुज़ारी। क्योंकि उसने हमसे मुहब्बत रखकर अपने आपको हमारे लिए अल्लाह के हुज़ूर क़ुरबान कर दिया और यों ऐसी क़ुरबानी बन गया जिसकी ख़ुशबू अल्लाह को पसंद आई।


क्योंकि हम मसीह की ख़ुशबू हैं जो अल्लाह तक पहुँचती है और साथ साथ लोगों में भी फैलती है, नजात पानेवालों में भी और हलाक होनेवालों में भी।


लेकिन तुम अपनी हरकतों से मेरे नाम की बेहुरमती करते हो। तुम कहते हो, ‘रब की मेज़ को नापाक किया जा सकता है, उस की क़ुरबानियों को हक़ीर जाना जा सकता है।’


इसमें कि तुम मेरी क़ुरबानगाह पर नापाक ख़ुराक रख देते हो। तुम पूछते हो, ‘हमने तुझे किस बात में नापाक किया है?’ इसमें कि तुम रब की मेज़ को क़ाबिले-तहक़ीर क़रार देते हो।


मेरे तुम्हें उन अक़वाम और ममालिक से निकालकर जमा करने के बाद जिनमें तुम मुंतशिर हो गए हो तुम इसराईल में मुझे क़ुरबानियाँ पेश करोगे, और मैं उनकी ख़ुशबू सूँघकर ख़ुशी से तुम्हें क़बूल करूँगा। यों मैं तुम्हारे ज़रीए दीगर अक़वाम पर ज़ाहिर करूँगा कि मैं क़ुद्दूस ख़ुदा हूँ।


रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, ‘जो ख़ुराक यानी बेहतरीन मैदा, ज़ैतून का तेल और शहद मैंने तुझे दिया था उसे तूने उन्हें पेश किया ताकि उस की ख़ुशबू उन्हें पसंद आए।


नए चाँद के दिन नरसिंगा फूँको, पूरे चाँद के जिस दिन हमारी ईद होती है उसे फूँको।


अगर जमात इस बात से नावाक़िफ़ थी और ग़ैरइरादी तौर पर उससे ग़लती हुई तो फिर पूरी जमात एक जवान बैल भस्म होनेवाली क़ुरबानी के तौर पर पेश करे। साथ ही वह मुक़र्ररा ग़ल्ला और मै की नज़रें भी पेश करे। इसकी ख़ुशबू रब को पसंद होगी। इसके अलावा जमात गुनाह की क़ुरबानी के लिए एक बकरा पेश करे।


सवा लिटर मै भी मै की नज़र के तौर पर पेश की जाए। ऐसी क़ुरबानी की ख़ुशबू रब को पसंद आएगी।


तो जलनेवाली क़ुरबानियाँ यों पेश करना : अगर तुम अपने गाय-बैलों या भेड़-बकरियों में से ऐसी क़ुरबानी पेश करना चाहो जिसकी ख़ुशबू रब को पसंद हो तो साथ साथ डेढ़ किलोग्राम बेहतरीन मैदा भी पेश करो जो एक लिटर ज़ैतून के तेल के साथ मिलाया गया हो। इसमें कोई फ़रक़ नहीं कि यह भस्म होनेवाली क़ुरबानी, मन्नत की क़ुरबानी, दिली ख़ुशी की क़ुरबानी या किसी ईद की क़ुरबानी हो।


लेकिन जो पाक होने और सफ़र न करने के बावुजूद भी ईदे-फ़सह को न मनाए उसे उस की क़ौम में से मिटाया जाए, क्योंकि उसने मुक़र्ररा वक़्त पर रब को क़ुरबानी पेश नहीं की। उस शख़्स को अपने गुनाह का नतीजा भुगतना पड़ेगा।


कहने लगे, “हमने लाश छू ली है, इसलिए नापाक हैं। लेकिन हमें इस सबब से ईदे-फ़सह को मनाने से क्यों रोका जाए? हम भी मुक़र्ररा वक़्त पर बाक़ी इसराईलियों के साथ रब की क़ुरबानी पेश करना चाहते हैं।”


इमाम को मुक़द्दस समझना, क्योंकि वह तेरे ख़ुदा की रोटी को क़ुरबानगाह पर चढ़ाता है। वह तेरे लिए मुक़द्दस ठहरे क्योंकि मैं रब क़ुद्दूस हूँ। मैं ही तुम्हें मुक़द्दस करता हूँ।


वह अपने ख़ुदा के लिए मख़सूसो-मुक़द्दस रहें और अपने ख़ुदा के नाम को दाग़ न लगाएँ। चूँकि वह रब को जलनेवाली क़ुरबानियाँ यानी अपने ख़ुदा की रोटी पेश करते हैं इसलिए लाज़िम है कि वह मुक़द्दस रहें।


उसे पेश करते वक़्त इमाम उसके पर पकड़कर परिंदे को फाड़ डाले, लेकिन यों कि वह बिलकुल टुकड़े टुकड़े न हो जाए। फिर इमाम उसे क़ुरबानगाह पर जलती हुई लकड़ियों पर जला दे। इस जलनेवाली क़ुरबानी की ख़ुशबू रब को पसंद है।


लाज़िम है कि क़ुरबानी पेश करनेवाला पहले जानवर की अंतड़ियाँ और पिंडलियाँ धोए, फिर इमाम पूरे जानवर को रब को पेश करके क़ुरबानगाह पर जला दे। इस जलनेवाली क़ुरबानी की ख़ुशबू रब को पसंद है।


लाज़िम है कि क़ुरबानी पेश करनेवाला पहले जानवर की अंतड़ियाँ और पिंडलियाँ धोए, फिर इमाम पूरे जानवर को क़ुरबानगाह पर जला दे। इस जलनेवाली क़ुरबानी की ख़ुशबू रब को पसंद है।


पूरे मेंढे को क़ुरबानगाह पर जला देना। जलनेवाली यह क़ुरबानी रब के लिए भस्म होनेवाली क़ुरबानी है, और उस की ख़ुशबू रब को पसंद है।


पहले, बेख़मीरी रोटी की ईद मनाना। अबीब के महीने में सात दिन तक तेरी रोटी में ख़मीर न हो जिस तरह मैंने हुक्म दिया है, क्योंकि इस महीने में तू मिसर से निकला। इन दिनों में कोई मेरे हुज़ूर ख़ाली हाथ न आए।


रब ने मूसा से कहा,


गो वह मुल्क में रहनेवाली दीगर क़ौमों से सहमे हुए थे ताहम उन्होंने क़ुरबानगाह को उस की पुरानी बुनियाद पर तामीर किया और सुबह-शाम उस पर रब को भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ पेश करने लगे।


यह सब वही क़ुरबानियाँ हैं जो तुम्हें रब को अपनी ईदों पर पेश करनी हैं। यह उन तमाम क़ुरबानियों के अलावा हैं जो तुम दिली ख़ुशी से या मन्नत मानकर देते हो, चाहे वह भस्म होनेवाली, ग़ल्ला की, मै की या सलामती की क़ुरबानियाँ क्यों न हों।”


जब भी रब को भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ पेश की जाएँ तो लावी मदद करें, ख़ाह सबत को, ख़ाह नए चाँद की ईद या किसी और ईद के मौक़े पर हो। लाज़िम है कि वह रोज़ाना मुक़र्ररा तादाद के मुताबिक़ ख़िदमत के लिए हाज़िर हो जाएँ।”


यहोयदा ने इमामों और लावियों को दुबारा रब के घर को सँभालने की ज़िम्मादारी दी। दाऊद ने उन्हें ख़िदमत के लिए गुरोहों में तक़सीम किया था। उस की हिदायात के मुताबिक़ उन्हीं को ख़ुशी मनाते और गीत गाते हुए भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ पेश करनी थीं, जिस तरह मूसा की शरीअत में लिखा है।


जो जानवर बादशाह अपनी मिलकियत से रब के घर को देता रहा वह भस्म होनेवाली उन क़ुरबानियों के लिए मुक़र्रर थे जिनको रब की शरीअत के मुताबिक़ हर सुबह-शाम, सबत के दिन, नए चाँद की ईद और दीगर ईदों पर रब के घर में पेश की जाती थीं।


जमा होने का मक़सद इसराईल के ख़ुदा की क़ुरबानगाह को नए सिरे से तामीर करना था ताकि मर्दे-ख़ुदा मूसा की शरीअत के मुताबिक़ उस पर भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ पेश की जा सकें। चुनाँचे यशुअ बिन यूसदक़ और ज़रुब्बाबल बिन सियालतियेल काम में लग गए। यशुअ के इमाम भाइयों और ज़रुब्बाबल के भाइयों ने उनकी मदद की।


हमने क़ुरा डालकर मुक़र्रर किया है कि इमामों, लावियों और बाक़ी क़ौम के कौन कौन-से ख़ानदान साल में किन किन मुक़र्ररा मौक़ों पर रब के घर में लकड़ी पहुँचाएँ। यह लकड़ी हमारे ख़ुदा की क़ुरबानगाह पर क़ुरबानियाँ जलाने के लिए इस्तेमाल की जाएगी, जिस तरह शरीअत में लिखा है।


हुक्मरान का फ़र्ज़ होगा कि वह नए चाँद की ईदों, सबत के दिनों और दीगर ईदों पर तमाम इसराईली क़ौम के लिए क़ुरबानियाँ मुहैया करे। इनमें भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ, गुनाह और सलामती की क़ुरबानियाँ और ग़ल्ला और मै की नज़रें शामिल होंगी। यों वह इसराईल का कफ़्फ़ारा देगा।


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