क्योंकि तुम दोनों ने दश्ते-सीन में मेरे हुक्म की ख़िलाफ़वरज़ी की। उस वक़्त जब पूरी जमात ने मरीबा में मेरे ख़िलाफ़ गिला-शिकवा किया तो तूने चट्टान से पानी निकालते वक़्त लोगों के सामने मेरी क़ुद्दूसियत क़ायम न रखी।” (मरीबा दश्ते-सीन के क़ादिस में चश्मा है।)