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گنتی 24:5 - किताबे-मुक़द्दस

5 ऐ याक़ूब, तेरे ख़ैमे कितने शानदार हैं! ऐ इसराईल, तेरे घर कितने अच्छे हैं!

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

5 ”اَے یعقوب تیرے خیمے اَور اَے بنی اِسرائیل تمہاری قِیام گاہیں کیا ہی خُوبصورت ہیں!

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کِتابِ مُقادّس

5 اَے یعقُوب تیرے ڈیرے۔ اَے اِسرائیلؔ تیرے خَیمے کَیسے خُوشنما ہیں!

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

5 اے یعقوب، تیرے خیمے کتنے شاندار ہیں! اے اسرائیل، تیرے گھر کتنے اچھے ہیں!

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گنتی 24:5
13 حوالہ جات  

उसका पैग़ाम जो अल्लाह की बातें सुन लेता है, क़ादिरे-मुतलक़ की रोया को देख लेता है और ज़मीन पर गिरकर पोशीदा बातें देखता है।


वह दूर तक फैली हुई वादियों की मानिंद, नहर के किनारे लगे बाग़ों की मानिंद, रब के लगाए हुए ऊद के दरख़्तों की मानिंद, पानी के किनारे लगे देवदार के दरख़्तों की मानिंद हैं।


ज़ैल में उस सामान की फ़हरिस्त है जो मक़दिस की तामीर के लिए इस्तेमाल हुआ। मूसा के हुक्म पर इमामे-आज़म हारून के बेटे इतमर ने लावियों की मारिफ़त यह फ़हरिस्त तैयार की।


ईद के हफ़ते के दौरान झोंपड़ियों में रहना। तमाम मुल्क में आबाद इसराईली ऐसा करें।


यों इसराईलियों ने सब कुछ उन हिदायात के मुताबिक़ किया जो रब ने मूसा को दी थीं। उनके मुताबिक़ ही वह अपने झंडों के इर्दगिर्द अपने ख़ैमे लगाते थे और उनके मुताबिक़ ही अपने कुंबों और आबाई घरानों के साथ रवाना होते थे।


जहाँ इसराईल अपने अपने क़बीलों की तरतीब से ख़ैमाज़न था। यह देखकर अल्लाह का रूह उस पर नाज़िल हुआ,


ऐ इसराईल, तू कितना मुबारक है। कौन तेरी मानिंद है, जिसे रब ने बचाया है। वह तेरी मदद की ढाल और तेरी शान की तलवार है। तेरे दुश्मन शिकस्त खाकर तेरी ख़ुशामद करेंगे, और तू उनकी कमरें पाँवों तले कुचलेगा।”


लेकिन मैं बिलाम की बात मानने के लिए तैयार नहीं था बल्कि वह तुम्हें बरकत देने पर मजबूर हुआ। यों मैंने तुम्हें उसके हाथ से महफ़ूज़ रखा।


वजह यह है कि इन क़ौमों ने मिसर से निकलते वक़्त इसराईलियों को खाना खिलाने और पानी पिलाने से इनकार किया था। न सिर्फ़ यह बल्कि उन्होंने बिलाम को पैसे दिए थे ताकि वह इसराईली क़ौम पर लानत भेजे, अगरचे हमारे ख़ुदा ने लानत को बरकत में तबदील किया।


मेरी जान रब की बारगाहों के लिए तड़पती हुई निढाल है। मेरा दिल बल्कि पूरा जिस्म ज़िंदा ख़ुदा को ज़ोर से पुकार रहा है।


मेरी महबूबा, तेरा हुस्न कामिल है, तुझमें कोई नुक़्स नहीं है।


मेरी महबूबा, तू तिरज़ा शहर जैसी हसीन, यरूशलम जैसी ख़ूबसूरत और अलमबरदार दस्तों जैसी रोबदार है।


लेकिन जिसने भी ऐसा किया है उसे रब जड़ से याक़ूब के ख़ैमों से निकाल फेंकेगा, ख़ाह वह रब्बुल-अफ़वाज को कितनी क़ुरबानियाँ पेश क्यों न करे।


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