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گنتی 19:7 - किताबे-मुक़द्दस

7 इसके बाद वह अपने कपड़ों को धोकर नहा ले। फिर वह ख़ैमागाह में आ सकता है लेकिन शाम तक नापाक रहेगा।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

7 اُس کے بعد کاہِنؔ اَپنے کپڑے دھوئے اَور پانی سے غُسل کر لے۔ پھر وہ چھاؤنی میں چلے آئے لیکن شام تک وہ ناپاک رہے گا۔

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کِتابِ مُقادّس

7 تب کاہِن اپنے کپڑے دھوئے اور پانی سے غُسل کرے۔ اِس کے بعد وہ لشکر گاہ کے اندر آئے۔ پِھر بھی کاہِن شام تک ناپاک رہے گا۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

7 اِس کے بعد وہ اپنے کپڑوں کو دھو کر نہا لے۔ پھر وہ خیمہ گاہ میں آ سکتا ہے لیکن شام تک ناپاک رہے گا۔

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گنتی 19:7
19 حوالہ جات  

पाक आदमी यह पानी तीसरे और सातवें दिन नापाक शख़्स पर छिड़के। सातवें दिन वह उसे पाक करे। जिसे पाक किया जा रहा है वह अपने कपड़े धोकर नहा ले तो वह उसी शाम पाक होगा।


जिस आदमी ने गाय को जलाया वह भी अपने कपड़ों को धोकर नहा ले। वह भी शाम तक नापाक रहेगा।


जो ऐसी कोई भी चीज़ छुए वह शाम तक नापाक रहेगा। इसके अलावा लाज़िम है कि वह मुक़द्दस क़ुरबानियों में से अपना हिस्सा खाने से पहले नहा ले।


जो भी उसके लेटने की जगह को छुए या उसके बैठने की जगह पर बैठ जाए वह अपने कपड़े धोकर नहा ले। वह शाम तक नापाक रहेगा।


जो उसमें से कुछ खाए या उसे उठाकर ले जाए उसे अपने कपड़ों को धोना है। तो भी वह शाम तक नापाक रहेगा।


क्योंकि गो इमामे-आज़म जानवरों का ख़ून गुनाह की क़ुरबानी के तौर पर मुक़द्दसतरीन कमरे में ले जाता है, लेकिन उनकी लाशों को ख़ैमागाह के बाहर जलाया जाता है।


अगर इमाम ने किसी घर का मुआयना करके ताला लगा दिया है और फिर भी कोई उस घर में दाख़िल हो जाए तो वह शाम तक नापाक रहेगा।


जिस आदमी ने राख इकट्ठी की है वह भी अपने कपड़ों को धो ले। वह भी शाम तक नापाक रहेगा। यह इसराईलियों और उनके दरमियान रहनेवाले परदेसियों के लिए दायमी उसूल हो।


यह उनके लिए दायमी उसूल है। जिस आदमी ने नापाकी दूर करने का पानी छिड़का है वह भी अपने कपड़े धोए। बल्कि जिसने भी यह पानी छुआ है शाम तक नापाक रहेगा।


जो भी ज़ैल के जानवरों की लाशें छुए वह शाम तक नापाक रहेगा : (अलिफ़) खुर रखनेवाले तमाम जानवर सिवाए उनके जिनके खुर या पाँव पूरे तौर पर चिरे हुए हैं और जो जुगाली करते हैं, (बे) तमाम जानवर जो अपने चार पंजों पर चलते हैं। यह जानवर तुम्हारे लिए नापाक हैं, और जो भी उनकी लाशें उठाए या छुए लाज़िम है कि वह अपने कपड़े धो ले। इसके बावुजूद भी वह शाम तक नापाक रहेगा।


जो भी उन्हें और उनकी लाशें छू लेता है वह शाम तक नापाक रहेगा।


अगर उनमें से किसी की लाश किसी चीज़ पर गिर पड़े तो वह भी नापाक हो जाएगी। इससे कोई फ़रक़ नहीं पड़ता कि वह लकड़ी, कपड़े, चमड़े या टाट की बनी हो, न इससे कोई फ़रक़ पड़ता है कि वह किस काम के लिए इस्तेमाल की जाती है। उसे हर सूरत में पानी में डुबोना है। तो भी वह शाम तक नापाक रहेगी।


अगर ऐसा जानवर जिसे खाने की इजाज़त है मर जाए तो जो भी उस की लाश छुए शाम तक नापाक रहेगा।


और नापाक शख़्स जो भी चीज़ छुए वह नापाक हो जाती है। न सिर्फ़ यह बल्कि जो बाद में यह नापाक चीज़ छुए वह भी शाम तक नापाक रहेगा।”


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