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گنتی 10:10 - किताबे-मुक़द्दस

10 इसी तरह उनकी आवाज़ मक़दिस में ख़ुशी के मौक़ों पर सुनाई दे यानी मुक़र्ररा ईदों और नए चाँद की ईदों पर। इन मौक़ों पर वह भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ और सलामती की क़ुरबानियाँ चढ़ाते वक़्त बजाए जाएँ। फिर तुम्हारा ख़ुदा तुम्हें याद करेगा। मैं रब तुम्हारा ख़ुदा हूँ।”

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

10 اَور اَپنی خُوشی کے موقعوں جَیسے اَپنی مُقرّرہ عیدوں اَور نئے چاند کے جَشن اَور اَپنی سوختنی نذروں اَور سلامتی کی نذر کی قُربانیوں کے موقعوں پر تُم نرسنگے پھُونکو اَور وہ تمہارے خُدا کے حُضُور میں تمہاری یادگارہو جانے کا باعث ہوں گے۔ مَیں یَاہوِہ تمہارا خُدا ہُوں۔“

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کِتابِ مُقادّس

10 اور تُم اپنی خُوشی کے دِن اور اپنی مُقرّرہ عِیدوں کے دِن اور اپنے مہِینوں کے شرُوع میں اپنی سوختنی قُربانیوں اور سلامتی کی قُربانیوں کے وقت نرسِنگے پُھونکنا تاکہ اُن سے تُمہارے خُدا کے حضُور تُمہاری یادگاری ہو۔ مَیں خُداوند تُمہارا خُدا ہُوں۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

10 اِسی طرح اُن کی آواز مقدِس میں خوشی کے موقعوں پر سنائی دے یعنی مقررہ عیدوں اور نئے چاند کی عیدوں پر۔ اِن موقعوں پر وہ بھسم ہونے والی قربانیاں اور سلامتی کی قربانیاں چڑھاتے وقت بجائے جائیں۔ پھر تمہارا خدا تمہیں یاد کرے گا۔ مَیں رب تمہارا خدا ہوں۔“

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گنتی 10:10
34 حوالہ جات  

नए चाँद के दिन नरसिंगा फूँको, पूरे चाँद के जिस दिन हमारी ईद होती है उसे फूँको।


उस वक़्त ऊँची आवाज़ से हुक्म दिया जाएगा, फ़रिश्ताए-आज़म की आवाज़ सुनाई देगी, अल्लाह का तुरम बजेगा और ख़ुदावंद ख़ुद आसमान पर से उतर आएगा। तब पहले वह जी उठेंगे जो मसीह में मर गए थे।


आख़िरी गुरोह इमाम थे जो तुरम बजाते रहे। इनके पीछे ज़ैल के मौसीक़ार आए : ज़करियाह बिन यूनतन बिन समायाह बिन मत्तनियाह बिन मीकायाह बिन ज़क्कूर बिन आसफ़


रब के घर की बुनियाद रखते वक़्त इमाम अपने मुक़द्दस लिबास पहने हुए साथ खड़े हो गए और तुरम बजाने लगे। आसफ़ के ख़ानदान के लावी साथ साथ झाँझ बजाने और रब की सताइश करने लगे। सब कुछ इसराईल के बादशाह दाऊद की हिदायात के मुताबिक़ हुआ।


तमाम जमात औंधे मुँह झुक गई जबकि लावी गीत गाते और इमाम तुरम बजाते रहे। यह सिलसिला इस क़ुरबानी की तकमील तक जारी रहा।


लावी उन साज़ों के साथ खड़े हो गए जो दाऊद ने बनवाए थे, और इमाम अपने तुरमों को थामे उनके साथ खड़े हुए।


उनकी आवाज़ उस वक़्त भी थोड़ी देर के लिए सुना दो जब तुम अपने मुल्क में किसी ज़ालिम दुश्मन से जंग लड़ने के लिए निकलोगे। तब रब तुम्हारा ख़ुदा तुम्हें याद करके दुश्मन से बचाएगा।


वह घबरा गया और उसे ग़ौर से देखते हुए कहा, “मेरे आक़ा, फ़रमाएँ।” फ़रिश्ते ने कहा, “तुम्हारी दुआओं और ख़ैरात की क़ुरबानी अल्लाह के हुज़ूर पहुँच गई है और मंज़ूर है।


ऐ थकेमाँदे और बोझ तले दबे हुए लोगो, सब मेरे पास आओ! मैं तुमको आराम दूँगा।


मुबारक है वह क़ौम जो तेरी ख़ुशी के नारे लगा सके। ऐ रब, वह तेरे चेहरे के नूर में चलेंगे।


इमाम और लावी अपनी अपनी ज़िम्मादारियों के मुताबिक़ खड़े थे। लावी उन साज़ों को बजा रहे थे जो दाऊद ने रब की सताइश करने के लिए बनवाए थे। साथ साथ वह हम्द का वह गीत गा रहे थे जो उन्होंने दाऊद से सीखा था, “उस की शफ़क़त अबदी है।” लावियों के मुक़ाबिल इमाम तुरम बजा रहे थे जबकि बाक़ी तमाम लोग खड़े थे।


उनके पास तुरम, झाँझ और बाक़ी ऐसे साज़ थे जो अल्लाह की तारीफ़ में गाए जानेवाले गीतों के साथ बजाए जाते थे। यदूतून के बेटों को दरबान बनाया गया।


तमाम इसराईली ख़ुशी के नारे लगा लगाकर, नरसिंगे और तुरम फूँक फूँककर और झाँझ, सितार और सरोद बजा बजाकर रब के अहद का संदूक़ यरूशलम लाए।


तो उन्हें बताना, ‘यह हमें याद दिलाते हैं कि दरियाए-यरदन का बहाव रुक गया जब रब का अहद का संदूक़ उसमें से गुज़रा।’ यह पत्थर अबद तक इसराईल को याद दिलाते रहेंगे कि यहाँ क्या कुछ हुआ था।”


सातवें माह के पंद्रहवें दिन भी काम न करना बल्कि मुक़द्दस इजतिमा के लिए इकट्ठे होना। उस दिन नरसिंगे फूँके जाएँ।


“इसराईलियों को बताना कि सातवें महीने का पहला दिन आराम का दिन है। उस दिन मुक़द्दस इजतिमा हो जिस पर याद दिलाने के लिए नरसिंगा फूँका जाए।


जब भी हारून मक़दिस में दाख़िल होकर रब के हुज़ूर आएगा वह इसराईली क़बीलों के नाम अपने दिल पर सीने के कीसे की सूरत में साथ ले जाएगा। यों वह क़ौम की याद दिलाता रहेगा।


रूह और दुलहन कहती हैं, “आ!” हर सुननेवाला भी यही कहे, “आ!” जो प्यासा हो वह आए और जो चाहे वह ज़िंदगी का पानी मुफ़्त ले ले।


चुनाँचे इन अलफ़ाज़ से एक दूसरे को तसल्ली दिया करें।


और यह अचानक, आँख झपकते में, आख़िरी बिगुल बजते ही रूनुमा होगा। क्योंकि बिगुल बजने पर मुरदे लाफ़ानी हालत में जी उठेंगे और हम बदल जाएंगे।


उस दिन नरसिंगा बुलंद आवाज़ से बजेगा। तब असूर में तबाह होनेवाले और मिसर में भगाए हुए लोग वापस आकर यरूशलम के मुक़द्दस पहाड़ पर रब को सिजदा करेंगे।


नरसिंगा फूँककर उस की हम्द करो, सितार और सरोद बजाकर उस की तमजीद करो।


कफ़्फ़ारे की यह रक़म मुलाक़ात के ख़ैमे की ख़िदमत के लिए इस्तेमाल करना। फिर यह नज़राना रब को याद दिलाता रहेगा कि तुम्हारी जानों का कफ़्फ़ारा दिया गया है।”


हर माह के शुरू में रब को भस्म होनेवाली क़ुरबानी के तौर पर दो जवान बैल, एक मेंढा और भेड़ के सात यकसाला बच्चे पेश करना। सब बग़ैर नुक़्स के हों।


तब दाऊद ने अपना मनसूबा पेश किया। “कल नए चाँद की ईद है, और बादशाह तवक़्क़ो करेंगे कि मैं उनकी ज़ियाफ़त में शरीक हूँ। लेकिन इस मरतबा मुझे परसों शाम तक बाहर खुले मैदान में छुपा रहने की इजाज़त दें।


शौहर ने हैरान होकर पूछा, “आज उसके पास क्यों जाना है? न तो नए चाँद की ईद है, न सबत का दिन।” बीवी ने कहा, “सब ख़ैरियत है।”


सात इमाम एक एक नरसिंगा उठाए अहद के संदूक़ के आगे आगे चलें। फिर सातवें दिन शहर के गिर्द सात चक्कर लगाओ। साथ साथ इमाम नरसिंगे बजाते रहें।


क्योंकि यह इसराईल का फ़र्ज़ है, यह याक़ूब के ख़ुदा का फ़रमान है।


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