9 शहनशाह ने फ़ौजी अफ़सर और घुड़सवार भी मेरे साथ भेजे। यों रवाना होकर मैं दरियाए-फ़ुरात के मग़रिबी इलाक़े के गवर्नरों के पास पहुँचा और उन्हें शहनशाह के ख़त दिए।
9 چنانچہ مَیں نے دریائے فراتؔ کے پار کے صُوبہ داروں کے پاس جا کر اُنہیں بادشاہ کے فرمان دئیے۔ بادشاہ نے فَوجی افسروں اَور سواروں کو بھی میرے ساتھ بھیجا تھا۔
9 شہنشاہ نے فوجی افسر اور گھڑسوار بھی میرے ساتھ بھیجے۔ یوں روانہ ہو کر مَیں دریائے فرات کے مغربی علاقے کے گورنروں کے پاس پہنچا اور اُنہیں شہنشاہ کے خط دیئے۔
क्योंकि हमारे साथ फ़ौजी और घुड़सवार नहीं थे जो हमें रास्ते में डाकुओं से महफ़ूज़ रखते। बात यह थी कि मैं शहनशाह से यह माँगने से शर्म महसूस कर रहा था, क्योंकि हमने उसे बताया था, “हमारे ख़ुदा का शफ़ीक़ हाथ हर एक पर ठहरता है जो उसका तालिब रहता है। लेकिन जो भी उसे तर्क करे उस पर उसका सख़्त ग़ज़ब नाज़िल होता है।”
फिर मैंने गुज़ारिश की, “अगर बात आपको मंज़ूर हो तो मुझे दरियाए-फ़ुरात के मग़रिबी इलाक़े के गवर्नरों के लिए ख़त दीजिए ताकि वह मुझे अपने इलाक़ों में से गुज़रने दें और मैं सलामती से यहूदाह तक पहुँच सकूँ।